नागपुर

Published: Dec 01, 2021 03:32 AM IST

Schools Reopeningपैरेंट्स में संभ्रम न बढ़ाए प्रशासन, अब 10 के बाद स्कूल खोलने के निर्णय से शिक्षक, छात्रों का उत्साह हुआ ठंडा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नागपुर. सरकार ने बुधवार से राज्यभर में प्राइमरी स्कूल खोलने की घोषणा की थी. कोविड नियमों का पालन करते हुए क्लासेस शुरू होने वाली थी. बाकायदा सरकार ने गाइडलाइन भी जारी कर दी थी. स्कूलों ने भी तैयारी कर ली थी. पिछले 19 महीनों से बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी संभाल रहे पैरेंट्स को भी लगा था कि अब उन्हें कुछ राहत मिलेगी लेकिन मंगलवार की शाम को मनपा प्रशासन ने नये वैरिएंट की दहशत के बाद सतर्कता के तौर पर 10 दिसंबर तक स्कूल खोलने का निर्णय पर स्थगित कर दिया है. अचानक लिये गये इस निर्णय से पैरेंट्स फिर संभ्रम में पड़ गये हैं. पैरेंट्स का कहना है कि प्रशासन परिस्थितियों का अध्ययन कर निर्णय लें. वैसे भी आधे से ज्यादा सत्र बीत गया है. इस हालत में बच्चों की हेल्थ सबसे जरूरी है.

सजगता जरूरी : डॉ. गावंडे 

बालरोग विशषेज्ञ डॉ. अविनाश गावंडे मानते हैं कि जब दुनियाभर में कोरोना के नये वैरिएंट दहशत फैला रहा है उस वक्त आवश्यक हो जाता है कि बच्चों की हेल्थ को लेकर पैरेंट्स सजग रहे. मास्क, सैनेटाइजर की आदत लगाए. यदि वे नहीं मानें तो सख्ती करें. हालांकि नये वैरिएंट के विदर्भ में अब तक कोई भी मरीज नहीं मिला है. साथ ही नागपुर जिले में स्थिति सामान्य है. इस हालत में लोगों को घबराने की बजाय सावधानी बरतना आवश्यक है. मनपा प्रशासन ने स्कूल खोलने का निर्णय टालकर योग्य कदम उठाया है. 

पूरी तैयारी के बाद लें निर्णय : नेहरोत्रा 

शिक्षक सपन नेहरोत्रा मानते हैं कि नये वैरिएंट के बारे में अभी ज्यादा अध्ययन नहीं हुआ है. अत: प्रशासन को पहले स्थिति के बारे में अध्ययन कर लेना चाहिए. उसके बाद ही स्कूल खोलने का निर्णय लेना चाहिए. बच्चों की हेल्थ सबसे जरूरी है. वैसे भी बच्चे पिछले 19 महीनों से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल खोलने की घोषणा के बाद से शिक्षकों में उत्साह था. प्रशासन को पूरी तैयारी के साथ स्कूल खोलने का निर्णय लेना चाहिए. 

बच्चों के मामले में जल्दबाजी न करें : सुकेसनी 

पैरेंट्स सुकेसनी डोंगरे मानती हैं कि 19 महीने बाद बच्चे स्कूल जाने वाले थे. स्कूल बैग, टिफिन, यूनिफार्म से लेकर सभी तैयारियां हो गई थी. अचानक शाम को मनपा प्रशासन ने 10 दिसंबर के बाद स्कूल खोलने का निर्णय लिया. ऐन वक्त पर निर्णय लेने की बजाय प्रशासन समग्र परिस्थिति पर विचार कर लें. बच्चों के मामले में जल्दबाजी न करें. साथ ही निर्णय लेते वक्त जनता को सही जानकारी मिल सकें, इस तरह का समय भी दें. पैरेंट्स में कन्फ्यूजन वाली स्थिति निर्माण न की जाये. 

हालात ठीक ठाक, फिर संयम से लें निर्णय : प्रमोद सिंह 

प्रमोद सिंह ठाकुर ने बताया कि पैरेंट्स मांग कर थे कि बुधवार से स्कूल खुल जायेंगे. इस दृष्टि से तैयार भी कर ली थी लेकिन शाम के वक्त मनपा आयुक्त द्वारा लिये गये निर्णय का मैसेज वाइरल हुआ. ऐन वक्त पर निर्णय लेने से पैरेंट्स में कंफ्यूजन होता है. वैसे भी सिटी में कोरोना को लेकर इतने बुरे हालात नहीं बने है. अत: प्रशासन को निर्णय लेने में भी धैर्य दिखाना चाहिए. स्कूल खोलने का निर्णय लेने से पहले प्रशासन सभी पहलुओं पर विचार करें. इसके बाद शिक्षक, पालकों को भी अवगत कराये. ताकि दहशत वाली स्थिति निर्माण न हो पाए.