नागपुर

Published: Aug 29, 2022 02:46 AM IST

Tekdi flyoverटेकड़ी पुल: 70 दूकानों का सफाया, अवकाश के दिन भी जारी रही कार्रवाई

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. रेलवे स्टेशन के सामने बने टेकड़ी पुल को तोड़कर 6 लेन रोड बनाने की योजना पर भले ही महानगरपालिका ने 4 वर्ष पूर्व ही मुहर लगाई हो लेकिन कई कारणों से अब तक इस पर अमल नहीं हो पा रहा था. अब पुल तोड़ने के निकले मुहूर्त के बाद प्रकल्प पूरा होने की आशा जताई जा रही है. इस मामले को लेकर मनपा की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केवल एक सप्ताह के भीतर ही प्रवर्तन विभाग की टीम ने फ्लाईओवर के नीचे निर्मित लगभग 70 दूकानों का सफाया कर दिया. उपायुक्त मिलिंद मेश्राम और प्रवर्तन विभाग के उपायुक्त अशोक पाटिल के मार्गदर्शन में तोड़ू टीम द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. यहां तक कि अवकाश के दिन भी कार्रवाई जारी रखी गई. 

जल्द हल करेंगे विवाद

उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर 2018 को मनपा की आम सभा ने 6 लेन रोड बनाने के लिए स्टेशन के सामने बने पुल को तोड़ने का निर्णय लिया था. साथ ही इससे बाधित होने वाले मनपा के लाइसेंसधारक दूकानदारों को महामेट्रो द्वारा निर्मित संकुल में स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया  था. स्टेशन फ्लाईओवर के नीचे मनपा की ओर से कुल 175 दूकानों का निर्माण किया गया था जिनमें से 160 का आवंटन किया गया. अब इनमें से 116 दूकानों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हुई है. बची दूकानों को लेकर कुछ न्यायिक विवाद चल रहा है जिसे हल करने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार न्यायालय में भी मनपा ने स्पष्ट हलफनामा दायर किया है जिसके बाद अब न्यायिक मसला भी हल होने की उम्मीद है. 

14 वर्ष पूर्व हुआ था निर्माण

स्टेशन फ्लाईओवर के सामने होने वाले ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने के लिए मनपा ने वैसे तो वर्ष 2004 में ही यहां फ्लाईओवर बनाने का निर्णय लिया था लेकिन इसका निर्माण वास्तविक रूप में 2008 को पूरा हो सका. इसके बाद मनपा ने ‘पहले आओ और पहले पाओ’ की तर्ज पर इच्छुकों को पुल के नीचे बने कमरों का आवंटन किया था. विशेषत: मनपा ने इन दूकानदारों को केवल 30 वर्ष की लीज पर ही कमरे आवंटित किए थे किंतु अब 6 लेन रोड के नये प्रकल्प के लिए इसे तोड़ने का निर्णय होने पर कुछ दूकानदारों ने इसका विरोध किया. यहां तक कि कुछ दूकानदारों ने तो अदालत का दरवाजा भी खटखटाया लेकिन इसी बीच मनपा ने समन्वय के साथ ही न्यायिक लड़ाई जारी रखी. 

इस तरह निकला हल

-44 दूकानदारों ने मुआवजा लेकर दूकान सरेंडर करने पर सहमति जताई थी.

-57 दूकानदारों ने महामेट्रो द्वारा निर्मित संकुल में जाने की इच्छा जताई थी. लॉटरी से इन दूकानदारों को कमरे आवंटित किए गए.

-15 दूकानें पहले से ही रिक्त पड़ी थीं.

-19 दूकानदारों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

-25 दूकानदारों ने जिला न्यायालय में मामला दर्ज किया.