नागपुर

Published: Sep 14, 2022 02:29 AM IST

Terrorist Raeesआतंकी रईस फिर पहुंचा नागपुर जेल; न मोबाइल के वीडियो मिले न कोई सुराग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. संघ बिल्डिंग और हेडगेवार भवन की रेकी करने के मामले में भले ही जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी पुलिस की गिरफ्त में आ गया हो लेकिन सच्चाई ये है कि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने में सुरक्षा और जांच एजेंसियां विफल हुई है. आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के मामले में पुलवामा के अवंतीपोरा में रहने वाले रईस अहमद असदुल्ला शेख (26) को श्रीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. तब पता चला था कि रईस पाक में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर ओमर के संपर्क में था और उसके कहने पर नागपुर के सबसे संवेदनशील स्थल आरआरएस मुख्यालय में रेकी किए जाने की बात सामने आई.

रईस ने अपने मोबाइल से संघ बिल्डिंग और हेडगेवार भवन का वीडियो बनाकर पीओके में बैठे ओमर को वाट्सएप पर भेजा था. वहां जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई और महाराष्ट्र पुलिस को सूचना दी गई. नागपुर पुलिस ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया. श्रीनगर जाकर प्राथमिक पूछताछ भी की गई. 

ATS को सौंपी गई जांच

इसके बाद तत्कालीन डीजी संजय पांडेय ने प्रकरण की जांच एटीएस को सौंप दी. एटीएस ने रईस को गिरफ्तार कर उसका मोबाइल फोन जब्त किया था लेकिन उसने वीडियो डीलिट कर दिए थे. वीडियो दोबारा हासिल करने के लिए उसका मोबाइल और पूरा डाटा साइबर फॉरेंसिक एक्सपर्ट को भेजा गया था. पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद रईस को वापस श्रीनगर भेज दिया गया था. वहां प्रकरण में बेल मिलने के बाद उसे प्रोडक्शन वारंट पर दोबारा हिरासत में लिया गया. अब रईस दोबारा नागपुर की जेल में कैद है.

बताया जाता है कि उसके मोबाइल से किसी प्रकार का डाटा रिट्रीव नहीं हो पाया है. ऐसे में रईस के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत एजेंसियों के पास नहीं है. विमान से की गई यात्रा और सीताबर्डी के होटल में रुकने की जानकारी के अलावा कोई जानकारी हाथ नहीं लगी है. भले ही रईस ने अपने बयान में कहा हो कि वीडियो क्वालिटी खराब होने के कारण ओमर ने उसे फटकार लगाई थी लेकिन क्या वो सोच बोल रहा है. 

मदद करने वाले का भी पता नहीं चला

रईस के अनुसार ओमर ने नागपुर में उसकी मदद के लिए एक व्यक्ति को भेजने का भरोसा दिलाया था लेकिन कोई उसे मिलने नहीं आया. इस व्यक्ति के बारे में भी कोई जानकारी हाथ नहीं लगी है. ऐसे में पूरा मामला ही ठंडा पड़ता दिख रहा है. रईस की गिरफ्तारी से यह तो साफ है कि संघ बिल्डिंग और हेडगेवार भवन अब भी आतंकियों के निशाने पर है. इसके पहले भी वर्ष 2006 में भी संघ बिल्डिंग पर फिदायीन हमला हो चुका है. ऐसे में आतंकी गतिविधियों से जुड़े किसी व्यक्ति का नागपुर आना. संवेदनशील स्थानों की रेकी करके वापस चला जाना और सुरक्षा एजेंसियों को भनक तक न लगना आश्चर्य की बात है.