नागपुर

Published: May 20, 2022 02:44 AM IST

Maharajbaghमहाराजबाग के प्राणियों को पालकों का इंतजार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. महाराजबाग प्राणी उद्यान में वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना वर्ष 2014 में शुरू की गई थी. शुरुआती दौर में योजना को काफी सफलता मिली लेकिन बाद में लोगों की दिलचस्पी समाप्त हो गई. हालत यह है कि कोरोना महामारी के बाद से यह योजना पूरी तरह से ठप हो गई है. ऐसे में महाराजबाग प्रशासन के साथ वन्य जीव भी संरक्षकों (पालकों) का इंतजार कर रहे हैं.

जाने-माने अभिनेता टाइगर श्रॉफ ने योजना शुरू होने के बाद शुरुआत में ‘ली’ नाम के एक बाघ को गोद लिया था. इसके बाद कई लोगों ने वन्य जीवों को अपनाने की पहल की थी लेकिन धीरे-धीरे लोगों की रुचि कम होती गई. कोरोना के बाद अब तक सिर्फ 5 लोगों ने वन्य जीवों को गोद लिया है. कुछ वर्ष पहले, वन्य जीवों के प्रति प्रेम पैदा करने और व्यक्त करने के लिए महाराजबाग चिड़ियाघर ने वन्य जीवों को गोद लेने की योजना शुरू की थी. इस योजना का उद्देश्य वन्य जीवों की रक्षा और संरक्षण करना है.

महंगाई की पड़ी मार

विदर्भ के एकमात्र चिड़ियाघर महाराजबाग में वन्य जीव संरक्षण योजना की सफलता के मार्ग में महंगाई और प्रचार-प्रसार की कमी मुख्य रूप से बाधक बन रही है. पालन-पोषण की लागत अधिक होने से इस योजना की सफलता पर सवाल खड़े हो गए हैं. हालांकि महाराजबाग प्रशासन वन्य जीव प्रेमियों से आगे आने की अपील कर रहा है. कोरोना काल खत्म हो गया है. अब वन्य जीव प्रेमियों को इन जानवरों की देखभाल करने और उन्हें अपना बनाने के लिए कहा जा रहा है. फिलहाल महाराजबाग प्राणी उद्यान आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. यदि योजना सफल होती है तो इससे उद्यान संचालकों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है. 

लोगों को जागरूक किया जाएगा

लोगों को वन्य प्राणियों के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. इसके लिए वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा. प्राणी उद्यान परिसर और सिटी में होर्डिंग्स लगाकर योजना के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी. सिटी में वन्य जीव प्रेमियों की संख्या बहुत बड़ी है. ऐसे में लोगों को जिम्मेदारी लेने के लिए सही मायने में आगे आने की जरूरत है. 

-सुनील बावस्कर, प्रभारी, महाराजबाग प्राणी उद्यान. 

पालन-पोषण की लागत कितनी है

टाइगर – 1,00,000

तेंदुआ – 50,000

मगर – 15,000

बंदर – 20,000

भालू – 50,000

नीलगाय – 10,000

सांबर – 10,000