नागपुर
Published: Jan 17, 2023 03:38 AM ISTTigerगोरेवाड़ा में 10 दिन भी जिंदा नहीं रहा बाघ, चंद्रपुर से 5 जनवरी को लाया गया था
नागपुर. चंद्रपुर जिले में आतंक फैला रखे बाघ को पकड़कर गोरेवाड़ा वन्यजीव बचाव केंद्र में लाया गया था, परंतु हैरानी की बात है कि 3 साल का यह नर बाघ गोरेवाड़ा में 10 दिन भी जिंदा नहीं रह सका. चंद्रपुर जिले में 4 जनवरी को एक बाघ को पकड़ा गया था. उसने सावली वन क्षेत्र के व्याहाड उपवन क्षेत्र के समदा क्षेत्र में एक किसान को मार दिया था. इसलिए उसे बेहोश करने के बाद गोरेवाड़ा में लाया गया था. शुक्रवार की शाम अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. तुरंत इलाज शुरू किया गया, लेकिन सभी कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका.
फिलहाल, मौत का सही कारण स्पष्ट नहीं है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारण का पता चल सकेगा. बताया जाता है कि वह नियमित रूप से खाना भी खा रहा था. ऐसे में उसकी मौत को लेकर रहस्य गहरा गया है.
उधर, गोरेवाड़ा वन्यजीव बचाव केंद्र में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नियमानुसार पोस्टमार्टम किया गया. इस दौरान गोरेवाड़ा के समस्त अधिकारी और चिकित्सक उपस्थित थे.