नागपुर

Published: Jun 17, 2020 11:31 PM IST

अव्यवस्था पार्किंग टिकट हॉल को बना दिया इंडोर पार्किंग, रेलकर्मी ही बर्बाद कर रहे राष्ट्र की संपत्ति

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नागपुर. रेलवे की संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति है. भारतीय रेलवे के इस घोषवाक्य को नागपुर स्टेशन पर कार्यरत रेलकर्मियों ने कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया और अपने ही मन से टिकट हॉल को इंडोर पार्किंग में बदल दिया. हाल यह है कि इस छोटे से हॉल में करीब 100 दोपहिया वाहन खड़े किये जा रहे हैं. पूरा हॉल बेहाल हो चुका है. लाखों रुपये खर्च करके भी हॉल की छत से टपकने वाला पानी बंद नहीं हो सका. ऐसे में दोपहिया वाहनों के चक्के से निकली मिट्टी के कारण फर्श पर कीचड़ हो गया है. वाहनों के जमावडे से अब यह हाल खंडहर से नजर आने लगा है. जबकि टिकट काउंटर बंद हुए अभी 3 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं.  

कोई फर्क नहीं पड़ता
हॉल में गंदगी और कीचड़ का आलम हो चुका है लेकिन रेलकर्मियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वे आते हैं और वाहन खड़े करके चले जाते हैं. अधिकांश का मानना है कि जनरल टिकट काउंटर बंद होने से अब यह हॉल मंडल प्रशासन के काम में नहीं आता इसलिए यहां वाहन खड़े करने में बुराई क्या है. भले ही इस दौरान लाखों की लागत से लगी टाइल्स खराब हो जाये, इन रेलकर्मियों को कोई फर्क नहीं पड़ता. देशभर में स्वच्छता अभियान में झंडे गाड़ने वाले नागपुर स्टेशन पर गंदगी की प्रसार हो रहा लेकिन इन रेलकर्मियों को फर्क नहीं पड़ रहा. रेलवे में राष्ट्र की संपत्ति का दुरुपयोग और बर्बादी किस प्रकार होती है, रेलकर्मियों द्वारा इंडोर पार्किंग में तब्दील हो चुके इस टिकट हॉल को देखकर समझा जा सकता है.

परिसर में खड़े हो सकते हैं सैकड़ों वाहन
कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों वैसे ही स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही बेहद कम हो गई. पूरा परिसर खाली हो गया. ना वाहनों की रेलमपेल है और ना ही परिसर में आटोचालकों की हुड़दंगबाजी. प्रीपेड आटो पार्किंग से लेकर मेन गेट के सामने कार पार्किंग तक पूरी जगह खाली है. रेलकर्मी चाहे तो यहां अनुशासन के साथ अपने दोपहिया वाहन खड़े करके मिसाल पेश कर सकते हैं. लेकिन राष्ट्र की संपत्ति रेलवे को अपनी व्यक्तिगत संपत्ति मानने के बाद भला अनुशासन कैसे रह जायेगा. 

क्या कर रही RPF
दिनों स्टेशन पूरे दिन में मुश्किल से 3,000 लोगों की आवाजाही है, बावजूद इसके आरपीएफ के सामने रेलवे की संपत्ति की नुकसान हो रहा है लेकिन विभाग ने आंखें बंद कर दी है. पहले यहां-वहां खड़े वाहनों पर चालान ठोक दिया जाता था लेकिन इस मनमर्जी वाली इंडोर पार्किंग के लिए कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा. खास बात है कि यहां खड़े वाहनों में लगभग आधे वाहन आरपीएफ सुरक्षाकर्मियों के ही रहते हैं. ऐसी स्थिति रेलवे संपत्ति को लेकर रेलकर्मियों की गंभीरता को समझा जा सकता है.