नागपुर

Published: Dec 01, 2021 03:09 AM IST

Tiger carcass foundमानोरा के खेत में मिला बाघ का शव, T-22 नाम से हुई पहचान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

उमरेड (सं). उमरेड करांडला पवनी वन्य जीव अभयारण्य से सटे उमरेड दक्षिण वन परिक्षेत्र के तहत मानोरा ग्राम परिसर के खेत में करीब 10 साल की उम्र के T-22 नामक पट्टेदार बाघ का शव संदिग्धावस्था में मिलने से वन विभाग के आला अफसरों में खलबली मच गई.

जानकारी के तहत अभयारण्य से सटे नागपुर प्रदेशिक और वन विभाग के तहत उमरेड दक्षिण वन परिक्षेत्र के अंतर्गत भिवापुर तहसील के मानोरा ग्राम परिसर में महेश कोठीराम पोपटकर के खेत पर कपास की फसल है. कपास चुनने के लिए ग्राम की महिला मजदूर गई थीं. इन महिला मजदूरों को सोमवार की दोपहर करीब 4 बजे किसी जानवर के मरने की बदबू आई. उन्होंने उस ओर जाकर देखा तो एक बाघ का शव पड़ा हुआ था. इसके बाद खेत मालिक और उमरेड दक्षिण वन परिक्षेत्र के वन कर्मचारियों को इसकी सूचना दी गई.

सूचना मिलते ही उमरेड दक्षिण वन परिक्षेत्र के वन कमचारी घटनास्थल पर पहुंचे लेकिन रात काफी होने से जांच और कार्यवाही में बाधा आने से मंगलवार को सुबह नागपुर प्रादेशिक वन विभाग तथा उमरेड वन परिक्षेत्र के अधिकारियों ने घटनास्थल पर आकर पंचनामा किया. इसमें राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण (एनटीसीए) के आधारभूत मानक प्रणाली (एसओपी) के तहत वन विभाग ने कार्यवाही की.  नागपुर प्रादेशिक वन विभाग उपवन संरक्षक डॉ. भारतसिंह हांडा, विभागीय वन अधिकारी (दक्षता) नागपुर वन परिक्षेत्र नागपुर प्रीतमसिंह कोडापे, सहायक वन संरक्षक (जकांस-2) उमरेड नरेंद्र चांदेवार, राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण (एनटीसीए) प्रतिनिधि अविनाश लोंढे, मानद वन जीव रक्षक प्रतिनिधि निखिल कातोरे, उमरेड पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ. समर्थ, डॉ. लियाकत खान, डॉ. विशाल अली आदि के समक्ष जांच कार्य हुआ. बाघ का पोस्टमार्टम उमरेड पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ. समर्थ, डॉ. लियाकत खान, डॉ. बिलाल अली आदि ने किया.

वन विभाग के अनुसार बाघ का शिकार होने की आशंका कम  है. बाघ के सभी अंग साबुत हैं. इसमें बाघ की खाल, नाखून, दांत, पैर, पूंछ आदि शरीर के अंग सही सलामत दिखाई दे रहे हैं. मृत बाघ के शरीर पर बिजली करंट की निशान भी नहीं दिखाई दिए. बिजली आपूर्ति लाइन घटनास्थल से करीब 200 मीटर की देरी पर है. बाघ की दांयी बाजू में रिल्स बोन्स डैमेज होने की बात स्पष्ट हुई है. बाघ की मौत का कारण वन प्राणियों के संघर्ष में या वायरल बीमारी से या सांप काटने से होने की संभावना वन विभाग ने जताई है लेकिन फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद में ही बाघ की मौत का कारण पता चल पाएगा.

बताया जाता है कि मृत बाघ T-22 नाम से जाना जाता है तथा वह नर होकर उसकी उम्र करीब 10 से 11 वर्ष की होगी. इस बाघ की पैदाइश उमरेड करांडला वन्य जीव अभयारण्य में हुई. बाद में बड़ा होने पर ब्रम्हपुरी वन विभाग के जंगल क्षेत्र में स्थानंतरीत हुआ. अभी करीब 1 से डेढ़ साल पहले से ब्रम्हपुरी वन विभाग के जंगल क्षेत्र से उमरेड करांडला से सटे जंगल क्षेत्र में या प्रादेशिक वन विभाग के जंगल क्षेत्र में घूमते हुए कई बार ग्रामीणों को यह बाघ दिखा. इस घटना को लेकर प्रादेशिक वन विभाग ने मामला दर्ज कर आगे की जांच सहायक वन संरक्षक (जकास-2) उमरेड एनजी चांदेवार कर रहे हैं.