नागपुर

Published: Dec 25, 2020 03:41 AM IST

नागपुरमानधन बढ़ाने के निर्णय पर विवि का यू-टर्न

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नागपुर. आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय ने ठेकेदारी तत्व पर नियुक्त किए जाने वाले सहयोगी प्राध्यापकों का मानधन 24,000 रुपये ही रखने का निर्णय लिया है. इससे पहले अधिष्ठाताओं की बैठक में मानधन को बढ़ाकर 32,000 रुपये किया गया था. लेकिन कुछ ही दिनों में विवि ने अपने ही निर्णय से यू-टर्न ले लिया.

पिछले वर्ष विवि के स्नातकोत्तर विभागों में 92 ठेकेदारी प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई थी. इन प्राध्यापकों को 24,000 रुपये फिक्स मानधन दिया जाता है, लेकिन पिछले दिनों अधिष्ठाताओं की बैठक में मानधन को बढ़ाते हुए 32,000 रुपये किया गया था. इस फैसले से अगले सत्र के लिए तैयारी कर रहे इच्छुकों में उम्मीदें जागी थीं. लेकिन वर्तमान में विवि की आर्थिक हालत ठीक नहीं है.

पिछले वर्ष विवि को अप्रैल से नवंबर के बीच 61.9 करोड़ रुपये फीस और संलग्नीकरण के माध्यम से मिले थे, जबकि इस वर्ष केवल 4.65 करोड़ ही मिले हैं. यानी गतवर्ष की तुलना में इस बार 56.43 करोड़ का नुकसान हुआ है. यही वजह रही की उपकुलपति ने इस फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए उपकुलपति के पास मामले को भेज दिया था. गुरुवार को अधिष्ठाताओं की बैठक में मानधन को पूर्ववत रखने का निर्णय लिया गया. 

नहीं बढ़ेगी एडमिशन फीस

प्र-उपकुलपति संजय दुधे की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रवेश शुल्क के मुद्दे पर भी चर्चा की गई. कॉलेजों में प्रवेश के दौरान छात्रों से 16 हेड्स के तहत शुल्क लिया जाता है, जबकि सरकार ने इसे घटाकर 12 हेड करने को कहा है. बैठक में 16 हेड के तहत ही शुल्क वसूली करने का निर्णय लिया गया. अब शुल्क निर्धारण समिति द्वारा शुल्क को लेकर ढांचा तैयार किया जाएगा. समिति की सिफारिश पर निर्णय लेने का अधिकार प्र-उपकुलपति को सौंपा गया है. इसके बाद मामले को 30 दिसंबर को होने वाली प्रबंधन परिषद की बैठक के समक्ष रखा जाएगा. विवि प्रशासन कोविड काल की वजह से इस बार फीस बढ़ाने के मूड में नहीं है, जबकि कॉलेज फीस बढ़ाने के पक्ष में है. अब देखना होगा कि प्रबंधन परिषद इस पर क्या निर्णय लेती है.