नाशिक

Published: Mar 31, 2021 09:27 PM IST

Corona नया हॉटस्पॉट बन रहा बागलाण, 8 दिन में 960 कोरोना के केस

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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सटाणा. बागलाण तहसील (Baghlan Tehsil) के साथ सटाणा में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) बढ़ रहा है। पिछले 8 दिनों में 960 कोरोना पीड़ित सामने आए हैं तो 3 दिनों में 4 मरीजों की मौत (Death) हुई है। हर दिन औसतन 80 मरीज (Patient) मिल रहे हैं। सर्वाधिक मरीजों की संख्या सटाणा शहर में सामने आ रही है। कुल मिलाकर बागलाण कोरोना हॉटस्पॉट की ओर बढ़ रहा है। बागलाण तहसील में कोरोना पीड़ितों की संख्या को देखते हुए कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

भाक्षी रोड, नामपुर रोड, पिंपलेश्वर रोड आदि परिसर में पीड़ितों की संख्या अधिक होने से यह स्थान कोरोना का नया हॉटस्पॉट बन गया है। शहर के साथ लखमापुर, ब्राम्हणगांव, नामपुर, ताहाराबाद, जायखेडा, मुल्हेर, कोटबेल, बिजोरसे, टेंभे, ठेंगोडा, चौंधाणे, अंतापुर, बिजोटे, कुपखेड़ा, द्याने, उत्राणे, दरेगांव, आसखेड़ा, सोमपुर आदि गांवों में तेज रफ्तार से मरीजों की संख्या बढ़ रही है। तहसील में 8 दिनों में पीड़ितों की संख्या 960 हो गई है। तीन दिनों में ठेंगोडा, मलगांव और आनंदपुर के 4 मरीजों की मौत हो चुकी है।

असुविधा से मरीज परेशान

बागलाण तहसील में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिसे ध्यान में लेते हुए उपलब्ध सुविधा अपर्याप्त है। तहसील के डांगसौंदणे में 38 बेड का कोविड अस्पताल है। हर एक बेड को ऑक्सीजन की सुविधा है तो शहर के नामपुर रास्ते के सरकारी वसतिगृह में कोविड केयर सेंटर है। यहां पर 200 बेड की व्यवस्था है। मरीजों की संख्या को देखते हुए मौसम पट्टे के मरीजों के लिए स्वतंत्र कोविड अस्पताल और केयर सेंटर शुरू करने के साथ ऑक्सीजन बेड की संख्या 200 तक बढ़ाने की मांग विधायक दिलीप बोरसे ने पालकमंत्री छगन भुजबल, जिलाधिकारी सूरज मांढरे, जिला परिषद की सीईओ लिना बनसोड के पास की है।

मरीजों को लूट रहे हैं निजी अस्पताल

कोरोना पीड़ित मरीजों पर उपचार करने के लिए सरकार की ओर से उपलब्ध की जाने वाली सुविधा अपर्याप्त होने से गरीब मरीज परेशान हैं। तीन दिनों में दम तोड़ने वाले 4 मरीज आर्थिक दृष्टी से कमजोर थे। उन्हें समय पर उपचार न मिलने से उनकी मौत होने का आरोप परिवार वाले कर रहे हैं। अपर्याप्त सुविधा के चलते निजी अस्पताल में जाना पड़ रहा है। वहां पर उपचार से पहले प्रतिज्ञा पत्र लिया जा रहा है। साथ ही डेढ़ लाख का पैकेज लेने पर ही दाखिल कर रहे है। सरकार ऐसे निजी अस्पतालों पर कब कार्रवाई करेंगी? इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई है।