नाशिक

Published: Nov 24, 2020 05:17 PM IST

राजनीतिभुजबल फार्म पर भाजपा की नज़र

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नाशिक. शहर मनपा चुनाव को अभी डेढ़ साल बीतने के साथ ही भाजपा पार्षद अब विकास कार्यों को लेकर बेचैन हैं. इसके अलावा भाजपा नेतृत्व ने इस तथ्य को जगा दिया है कि भाजपा में कुछ बड़े नगरसेवकों के साथ पदाधिकारियों ने सीधे भुजबल फार्म की हवा खाना शुरू कर दिया है. भुजबल फार्म हाउस पर कई लोगों ने भौंहें तान ली हैं, क्योंकि भुजबल ने उन नेताओं की निगरानी शुरू कर दी है जो व्यक्तिगत और साथ ही ‘वित्तीय’ मामलों के लिए मनपा के चक्कर लगाते हैं. 

वार्ड में कार्यों को दिखाने के लिए निगमकर्मियों के पास केवल डेढ़ साल बचा है, लेकिन बीजेपी के साढ़े तीन साल के शासनकाल में नगरसेवकों में बेचैनी है, क्योंकि इस बीच उन्होंने अपने अपने प्रभागों में किसी प्रकार के विकास या अन्य काम नहीं किए हैं. पार्षदों में नाराजगी के कारण भाजपा को महापौर पद के दूसरे कार्यकाल में सत्ता बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी. पदाधिकारियों के बीच विवाद और कुछ नगरसेवकों के काम से असंतुष्टि, अब राज्य की स्वतंत्रता ने भाजपा के नगरसेवकों को आशा की एक नई किरण दी है. यहां तक ​​कि स्थानीय नेता भी नगरसेवकों की नाराजगी पर ध्यान नहीं देते हैं.

नगरसेवकों में बेचैनी है, क्योंकि नाशिक का प्रशासन अभी भी जलगांव से जोड़ कर देखा जा रहा है और वहां की तरह नाशिक में भी से भी पसंदीदा नगरसेवकों को उदार उपाय दिए जा रहे हैं. इसलिए पार्टी के कुछ नगरसेवकों ने अब भुजबल फार्म हाउस की ओर नज़र उठाना शुरू कर दिया है. कुछ पदाधिकारी  वित्तीय सहायता के लिए सीधे भुजबल फार्म से जुड़े हैं. बीजेपी को इनके राकांपा की चपेट में आने का डर है. इसलिए, भाजपा ने अब ऐसे नेताओं और पदाधिकारियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी अपने भरोसे के नेताओं को सौंप दी है. स्थानीय पदाधिकारी भी परेशान हैं क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने उन लोगों की सूची बनाई है जो नियमित रूप से भुजबल फार्म का दौरा करते हैं. आशंका है कि बीजेपी को तगड़ा झटका लगेगा क्योंकि खडसे गुट भी नाशिक में सक्रिय है. इसे देखते हुए भाजपा अपने कार्यकर्ताओं पर नजर रखे हुए है.