नाशिक

Published: Aug 25, 2022 04:51 PM IST

Water Supply Shortageमुख्य जलापूर्ति की जीर्ण पाइपलाइन टूटी, पानी के लिए तरस रही महिलाएं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

सातपुर : नाशिक-त्र्यंबकेश्वर (Nashik-Trimbakeshwar) स्थित अमृत गार्डन के पास होने वाली जलापूर्ति (Water Supply) की जीर्ण मुख्य पाइपलाइन (Pipeline) अचानक फुट (Foot) गई। इसके बाद सातपुर विभाग के जाधव संकुल, सातपुर कॉलोनी, विनायक संकुल, महादेव नगर, सातपुर गांव, राजवाडा, स्वारबाबा नगर, कांबलेवाडी आदि की परिसर की जलापूर्ति बंद हो गई। इसके चलते परिसर की महिलाएं (Women) एक बर्तन पानी के लिए दर बदर भटक रही है। 

तकनीकी खराबी के कारण शुरू नहीं हो सकी जलापूर्ति

महानगरपालिका प्रशासन ने 21 और 22 अगस्त को पंपीग स्टेशन मरम्मत के लिए जलापूर्ति बंद की गई थी। 23 और 24 अगस्त को कोई भी सूचना न देते हुए जलापूर्ति बंद होने से महिलाएं परेशान हो गई। पूछताछ करने के बाद पता चला की नाशिक-त्र्यंबकेश्वर स्थित अमृत गार्डन के पास होने वाली जलापूर्ति की जीर्ण मुख्य पाइप लाइन फूट गई है। इसके बाद परिसर के सामाजिक कार्येकर्ताओं ने महानगरपालिका को अवगत कराया। इसके बाद सातपुर महानगरपालिका विभागीय कार्यालय के जलापूर्ति विभाग के अधिकारी-कर्मचारी घटनास्थल पहुंचकर मरम्मत का कार्य शुरू किया, लेकिन तकनीकी समस्या के चलते जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई। महानगरपालिका जलापूर्ति विभाग ने टैंकर के माध्यम से नागरिकों को जलापूर्ति की जा रही है। 

नागरिक अब कई सवाल उठा रहे हैं

दरमियान कुछ राजनीतिक नेताओं ने टैंकर हमारी वजह से ही आने का दिखावा किया, लेकिन वह हास्यास्पद रहा। पिछले 6 महीने ने महानगरपालिका के प्रशासक शहर का कामकाज कर रहे है। इसलिए अधिकारी-कर्मचारियों को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। महानगरपालिका प्रशासन को पाइप लाइन खोजने के लिए इतना समय क्यों लगा? उनके पास पाइप लाइन के नक्शे नहीं है क्या? जीर्ण पाइप लाइन का नवीनीकरण कब होगा? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? ऐसे कई सवाल अब नागरिक खड़े कर रहे है। 

आंदोलन स्थगित किया गया

परिसर की महिलाओं ने महानगरपालिका के विभागीय कार्यालय पर हंडा मोर्चा निकालने का प्रयास किया, लेकिन सातपुर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक महेंद्र चव्हाण ने घटनास्थल पहुंचकर महिलाओं को समझाया। इसके बाद आंदोलन स्थगित किया गया। सातपुर सहित स्वारबाबा नगर में 10-12 बोअरवेल महानगरपालिका प्रशासन ने मंजूर किए थे, जो आज की स्थिति में गायब हो गए है, जो अपने आप में एक बड़ी बात है।