नाशिक

Published: Sep 23, 2020 07:31 PM IST

सर्वेक्षणकिसान आत्महत्या : पीड़ितों परिवारों का सर्वेक्षण 2 अक्टूबर से

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नाशिक. आत्महत्या पीड़ित किसान परिवार को सरकारी लाभ दिलाने के बाद जिम्मेदारी खत्म नहीं होती है. उन्हें सामाजिक दृष्टि से सक्षम बनाने की जरूरत होती है. इसलिए उनका सामाजिक, आर्थिक और सर्वांगीण विकास करने के लिए सरकार द्वारा 2 से 9 अक्टूबर के बीच उत्तर महाराष्ट्र के 5 जिलों में ‘उभारी’ कालबद्ध कार्यक्रम कार्यान्वित किया जाएगा.

इसमें आत्महत्या पीड़ित परिवार का सर्वांगीण सर्वेक्षण कर उन्हें सरकारी विविध योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. राजस्व उपायुक्त दिलीप स्वामी ने सरकार द्वारा भेजे गए आदेश का पत्र उत्तर महाराष्ट्र के 5 जिलों के जिलाधिकारी और जिला परिषद को भेजा है. ग्राम पंचायत से जिला स्तर पर काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी आत्महत्या पीड़ित किसान परिवार के घर जाकर सर्वेक्षण करेंगे.

आत्महत्या पीड़ित किसान परिवार को मदद मिली या नहीं? परिवार की समस्या?, परिवार प्रमुख कौन है?, परिवार का भरण-पोषण कैसे होता है? इस पर निर्भर है? उदर निर्वाह का साधन क्या है? आदि के बारे में जानकारी लेकर समस्या में होने वाले परिवार को सरकार की विविध योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. 

प्रशासन कराएगा सर्वांगीण सर्वेक्षण

इसके लिए उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, गटविकास अधिकारी, तहसील कृषि अधिकारी, नायब तहसीलदार, सहायक निबंधक (सहकारी संस्था), उपसंचालक (कृषि), निवासी उपजिलाधिकारी, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी आदि सरकारी घटक आत्महत्या पीड़ित किसान परिवार से मुलाकात कर सरकार को रिपोर्ट पेश करेंगे. इससे आत्महत्या पीड़ित किसान परिवार का आर्थिक और सामाजिक सक्षमीकरण होगा.

सामाजिक स्वयंसेवी संस्था, कृषि क्षेत्र में काम करने की वाली संस्था और व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं. सरकारी विविध योजना के लाभ से कोई भी वंचित न रहे, इसलिए 2 से 9 अक्टूबर के इस बीच स्वयंसेवी संस्था व सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति आत्महत्या पीड़ित किसान परिवार के सर्वेक्षण में महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए सरकारी अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.