नासिक

Published: Nov 13, 2022 04:08 PM IST

Tomatoes Price Declineपिंपलगांव मंडी समिति में टमाटर के भाव में भारी गिरावट, किसानों की बड़ी चिंता

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पिंपलगांव बसवंत : यहां की मंडी समिति (Market Committee) में टमाटर (Tomatoes) के बाजार भाव (Market Price) में भारी गिरावट (Decline) आई है। किसान (Farmer) पहले से ही परेशान हैं क्योंकि 20 किलो के टोकरे का बाजार भाव 50 रुपए से गिरकर 200 रुपए तक आ गया था। कल से एक दिन पहले तक बाजार तीन सौ के पार था, वह एक दिन में दो सौ तक पहुंच गया।  बाजार समिति परिसर में किसानों की मायूसी की तस्वीर देखी जा सकती है, क्योंकि बाजार का औसत मूल्य कम से कम इक्यावन रुपए है, इससे टमाटर के कुठ उत्पादकों ने टमाटर को खेत के किनारे फेंक दिया है। इस टमाटरों के कारण मिटटी पर लाल कीचड़ हो गया है। 

पिंपलगांव बसवंत स्थित कृषि उपज मंडी समिति में गत माह टमाटर का बाजार भाव अच्छा मिलना शुरू हो गया। 13 और 14 अक्टूबर को बाजार भाव 881 रुपए प्रति टोकरा तक उछला था, उसके बाद बाजार भाव में धीरे-धीरे गिरावट आई और 11 नवंबर को टमाटर किसानों में मायूसी दिखाते हुए 200 रुपए पर आ गई। उत्पादन लागत के अनुपात में अपेक्षित बाजार मूल्य न मिलने से टमाटर के बाजार भाव पर भी गर्मी के प्याज की तरह जैसी स्थिति हो गई है। 

किसानों की उम्मीद पर फिर पानी

इस वर्ष लगातार बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में टमाटर किसानों की फसल बर्बाद हो गई और फसल पल भर में ही नष्ट हो गई। इन सब को ध्यान में रखते हुए इससे बचे किसानों को उम्मीद थी कि उनकी टमाटर की फसल को बाजार में अच्छी कीमत मिलेगी। बारिश से हुए नुकसान के कारण विभिन्न प्रकार के कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों की आसमान छूती कीमतों ने इस वर्ष उत्पादन की लागत को बढ़ा दिया, इसके परिणाम स्वरूप उत्पादन लागत और टमाटर से होने वाली आय के बीच भारी असमानता आ गई। 

टमाटर का औसत बाजार भाव घटकर 100 रुपए रह गया और किसानों के सपने चकनाचूर हो गए। अब गांव से गांव तक टमाटर से भरे वाहन खेत के तटबंधों और सड़कों पर उतरते नजर आ रहे हैं। टमाटर उत्पादकों के लिए यह बहुत बड़ी त्रासदी है कि बाजार भाव में गिरावट के कारण ही टमाटर लाल मिट्टी में तब्दील होते दिखाई दे रहे हैं।