नाशिक

Published: Sep 25, 2020 05:51 PM IST

उपचारकोरोनाकाल में नाशिक में खुले 30 से अधिक निजी नए अस्पताल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Representational Pic

नाशिक. नाशिक शहर में कोरोना का संकट दिन-ब -दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में निजी अस्पताल प्रशासन द्वारा कोरोना मरीजों से उपचार के बदले में मनमानी रकम वसूल कर उन्हें लूटने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं. कुछ मरीजों ने मनपा सहित संबंधित विभाग से शिकायत भी की, लेकिन सख्त कार्रवाई न होने से लूट आज भी जारी है. इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए शहर में नए सिरे से निजी अस्पताल के साथ कोविड सेंटर शुरू हुए हैं.

मनपा स्थायी समिति की बैठक में पिछले 3 माह में शहर में नए 30 से अधिक अस्पताल रातों-रात शुरू होने की बात सामने आई है. शहर में बढ़ रहे कोरोना मरीजों पर उपचार करने के लिए निजी अस्पताल की जरूरत होने से निजी अस्पतालों को अनुमति देने की जानकारी वैद्यकीय अधीक्षक बापूसाहब नागरगोजे ने दी. नाशिक शहर में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के बाद मनपा की आरोग्य सुविधा कमजोर हुई है.

अप्रैल माह में शहर में कोरोना का पहला मरीज मिला. परंतु शहर अनलॉक होने के बाद शहर में कोरोना की स्थिति भयावह हुई. जून से कोरोना का शहर में उद्रेक हुआ. आज की स्थिति में कोरोना पीड़ितों की संख्या 50 हजार हो गई है. 700 से अधिक नागरिकों की कोरोना से मौत हुई है. आज की स्थिति में हर दिन कोरोना के एक हजार मरीज मिल रहे हैं. इससे कई समस्या निर्माण हो रही है. ऑक्सीजन व वेंटिलेटर्स की कमी, निजी अस्पतालों में मरीजों की हो रही आर्थिक लूट, बेड है तो सेवा देने के लिए कोई नहीं है आदि समस्या निर्माण हुई है.

इसके लिए मनपा का कमजोर आरोग्य विभाग जिम्मेदार है. मनपा के सेवा देने में सक्षम न होने से शहर में आए दिन निजी अस्पताल शुरू हो रहे हैं. कोविड के नाम पर शहर में पिछले तीन माह में 30 से अधिक अस्पताल शुरू हुए हैं. 3-4 नागरिकों द्वारा एकसाथ आकर मनपा की अनुमति से शहर में बंद या निवासी क्षेत्र की इमारत किराए पर लेकर अस्पताल शुरू करने की जानकारी सत्यभामा गाडेकर व कमलेश बोडके ने दी.

नियमों के तहत दी गई अनुमति

सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोप के बाद वैद्यकीय विभाग ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि शहर में नए क्लिनिक शुरू करने के लिए मनपा की अनुमति की जरूरत नहीं है. परंतु 15 बेड से अधिक बेड के लिए अनुमति लेना बंधनकारक है. शहर में आज की स्थिति में 651 अस्पताल हैं. इसमें 73 अस्पताल कोविड सेंटर के रूप में घोषित किए गए हैं. कोरोना के बढ़ते मरीजों को ध्यान में रखते हुए निजी अस्पतालों को नियमों के तहत अनुमति दी गई है. अस्पतालों की जांच कर उन्हें अनुमति देने का दावा भी आरोग्य विभाग ने किया.