नासिक

Published: Jan 10, 2023 03:12 PM IST

Nashik Newsनासिकरोड में सोनोग्राफी मशीन के अवैध उपयोग के मामले में महानगरपालिका ने की कार्रवाई, कोर्ट में केस दर्ज

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नासिक : नासिकरोड स्थित श्री बालाजी अस्पताल (Shri Balaji Hospital) में अवैध सोनोग्राफी मशीन (Illegal Sonography Machine) उपयोग मामले में नासिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. राजेंद्र भंडारी सहित 11 डॉक्टरों के खिलाफ गर्भधारणा (Pregnancy) से पहले और प्रसूति से पहले गर्भलिंग निदान प्रतिबंधक (पीसीपीएनडीटी) कानून के अंतर्गत न्यायालय में प्रकरण दर्ज किया गया है। महानगरपालिका के विशेष सरकारी वकील ने नासिकरोड प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के न्यायालय में मामले की प्रक्रिया पूर्ण करने से वैद्यकीय क्षेत्र में खलबली मच गई है। इसके चलते भंडारी पति-पत्नी की समस्याएं बढ़ गई है। डॉ. भंडारी के खिलाफ बडतर्फ की कार्रवाई करने के लिए सुधारित प्रस्ताव महानगरपालिका की ओर से प्रशासन को पेश किया जाएगा। महानगरपालिका क्षेत्र में अवैध गर्भलिंग निदान करने वाले सोनोग्राफी केंद्रों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी महानगरपालिका के वैद्यकीय अधिकारी पर है। ऐसे में महानगरपालिका के ही वैद्यकीय अधिकारी और बिटको अस्पताल के प्रमुख डॉ. भंडारी ने अपने निजी अस्पताल में अनधिकृत तौर पर सोनोग्राफी मशीन रखने की बात सामने आई। 16 दिसंबर 2022 को नासिकरोड स्थित देवलाली गांव परिसर में होने वाले श्री बालाजी सुपरस्पेशालिटी अस्पताल में यह मशीन मिला। विशेष यह है कि इस अस्पताल के पास अधिकृत लाइसेंस नहीं है। इस अस्पताल की इमारत डॉ. भंडारी की है। उनके नाम से अनधिकृत तौर पर यह अस्पताल शुरू था। इसलिए महानगरपालिका के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. बापूसाहब नागरगोजे ने मशीन सहित अस्पताल को सील कर दिया। 

पहले कारण बताओ नोटिस जारी

महानगरपालिका के वैद्यकीय अधिकारी का अस्पताल अनधिकृत और वहां पर बगैर लाइसेंस सोनोग्राफी मशीन मिलने से आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने डॉ. भंडारी पति-पत्नी को कारण बताओ नोटिस जारी की। दूसरी और डॉ. भंडारी पति-पत्नी के खिलाफ न्यायालय के माध्यम ये मामला दर्ज किया। डॉ. भंडारी पति-पत्नी सहित शुभम अस्पताल के तत्कालीन संचालक होने वाले 6 डॉक्टर और अस्पताल एक वर्ष के लिए किराए पर लेने वाले एक डॉक्टर ऐसे 9 डॉक्टरों को संदिग्ध आरोपी बनाया गया है। साथ ही जिस कंपनी का मशीन है, उस कंपनी के मालिक और मशीन लेने के लिए कर्ज देने वाले एक बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस कानून के अंतर्गत अपराध सिद्ध होने पर 3 से 5 वर्ष तक सजा और 50 हजार रुपए दंड हो सकता है। 

इस प्रकार है संदिग्ध आरोपी

महानगरपालिका के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. राजेंद्र भंडारी, अस्पताल के संचालक डॉ. सुनीता भंडारी, शुभम अस्पताल के संचालक डॉ. विजय पवार, डॉ. विजय ज्योती, डॉ. अजित जुनागडे, डॉ. शरद गोतरकर, डॉ. प्रशांत भुतडा, डॉ. सतीश पापरीकर, डॉ. राजेंद्र जाधव, ईआरबीएएस इंजिनीअरिंग कंपनी, पूर्व बैंक के मैनेजर, बँक ऑफ महाराष्ट्र नाशिकरोड के खिलाफ ‘पीसीपीएनडीटी’ कानून के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। 

बडतर्फ के लिए दोबारा पेश किया गया प्रस्ताव

‘पीसीपीएनडीटी’ कानून के अंतर्गत कोई भी सोनोग्राफी मशीन अस्पताल में शुरू करने से पहले या रखने के लिए मनपा के वैद्यकीय विभाग की अनुमति अनिवार्य होती है। परंतु महानगरपालिका के वैद्यकीय अधिकारी के अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन अवैध तरीके से रखने के मामले में मनपा के वैद्यकीय विभाग ने डॉ. भंडारी के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की। 28 दिसंबर 2022 को वैद्यकीय विभाग ने कार्रवाई का प्रस्ताव प्रशासन को पेश किया। परंतु प्रशासन ने प्रस्ताव में खामियां निकालने के बाद दोबारा बडतर्फ के लिए प्रस्ताव पेश किया गया।