नाशिक

Published: Jun 28, 2021 09:17 PM IST

Coronavirusमृतकों की संख्या देख सहमे नाशिकवासी, अब तक 8 हजार 279 नागरिकों की गई जान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नाशिक. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से हो रही मौतों का अपडेट अब पोर्टल (Portal) पर किया जा रहा है। नए आंकड़े देखकर नाशिकवासी भयभीत हो रहे हैं क्योंकि उन्हें पता नहीं चल रहा है कि ये आंकड़े पुराने हैं या नए। जिले में 10 जून से अब तक 3 हजार 169 कोरोना मृतकों के आंकड़े पोर्टल पर अपडेट किए गए हैं। यह सिलसिला कब रुकेगा? यह सवाल खड़ा हो गया है। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए प्रशासन ने कार्रवाई के बजाय शांति से काम करने की रणनीति बनाई है। 

कोरोना महामारी ने कई परिवारों को नष्ट कर दिया। कोरोना से अब तक 8 हजार 279 नागरिकों की मौत (Deaths) हुई है। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी मौत से हाहाकार मचा हुआ है। चिंताजनक बात यह है कि मार्च-अप्रैल में हुई मौतों का पंजीकरण आईसीएमआर के पोर्टल पर कुछ दिन पहले से शुरू होने से नाशिकवासी भयभीत हो गए हैं। मृत्यु दर नियंत्रित होने की बात दिखाने और सही आंकड़े छुपाने के लिए मृतकों का पोर्टल पर पंजीकरण नहीं किया गया। 10 जून से आईसीएमआर के पोर्टल पर मृतकों का पंजीकरण किया जा रहा है। 

शहर के 1,623, ग्रामीण के 1,489 मृतक शामिल

अब तक कुल 3 हजार 169 मृतकों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की गई है। इसमें शहर के 1 हजार 623, ग्रामीण के 1 हजार 489 मृतकों की संख्या शामिल है। मालेगांव के 31, जिला बाहर के 26 मृतकों को 15 दिनों में अपलोड किया गया है। विशेष यह है कि प्रलंबित होने वाले कोरोना मृतकों के आंकड़े 20 जून तक अपडेट करने के आदेश मनपा और ग्रामीण के नोडल अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी ने दिए थे। परंतु समय खत्म होने के बाद भी मृतकों के आंकड़े अपलोड किए जा रहे हैं। अब निजी अस्पतालों पर होने वाला दबाव भी कम हो गया है। पर्याप्त मनुष्यबल उपलब्ध है। फिर भी पोर्टल पर मृतकों का पंजीकरण करने का काम रुक नहीं रहा है।

प्रलंबित मृतकों का पंजीकरण पोर्टल पर करने के लिए 20 जून तक का समय दिया गया था। परंतु समय खत्म होने के बाद भी यह काम जारी है। जल्द से जल्द यह काम खत्म करने की सूचना संबंधित अस्पताल प्रशासन को दी गई है। प्रलंबित मृतकों के पंजीकरण का काम अस्पताल को पूरा करना ही होगा। इसलिए कार्रवाई के बजाय शांत रहने की नीति अपनाई गई है।

-डॉ. अशोक थोरात, जिला शल्य चिकित्सक