नाशिक

Published: Feb 17, 2022 09:38 PM IST

Nashik Crime नाशिक के सेवानिवृत्त कुलसचिव पिता और डॉक्टर पुत्र की हत्या, शव को जलाकर खाई में फेंका

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नाशिक : हेल्मेट (Helmet) नहीं पहनने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई में जुटी नाशिक (Nashik) पुलिस आयुक्तालय (Police Commissionerate) में इन दिनों घातक (Fatal) वारदातों (Incidents) की श्रृंखला चल रही है। अब यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय (Yashwantrao Chavan Maharashtra Open University) के सेवानिवृत्त (Retired) कुलसचिव (Registrar) नानासाहब कापडणीस (70) और उनके डॉक्टर पुत्र अमित कापडणीस (35) की निर्मम हत्या करने की बात सामने आई है। इस मामले में पुलिस ने मुख्य संदिग्ध राहुल गौतम जगताप (36) को गिरफ्तार किया है।

राहुल ने पिता-पुत्र की हत्या करने के बाद उनके शवों को अलग-अलग जिलों में जलाने की जानकारी सामने आई है। कुछ दिनों पूर्व महानगरपालिका की चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुवर्णा वाजे की भी हत्या इसी प्रकार से हुई थी। सुवर्णा को उनके पति संदीप ने पहले मौत के घाट उतारा और बाद में जलाने का संदेह पुलिस ने जताया है। अब इससे भी भयानक हत्याकांड सामने आने से समृद्ध नाशिक किस ओर आगे बढ़ रहा है, यह प्रश्न नागरिकों के सामने उपस्थित हो रहा है। नाशिक के शरणापूर रोड स्थित आनंदी गोपाल पार्क में पूर्व कुलसचिव नानासाहेब कापडणीस और उनके पुत्र डॉक्टर अमित कापडणीस रहते थे। 

अमित ने अपनी एमबीबीएस की पढाई पूर्ण कि है, लेकिन वह प्रैक्टिस नहीं करते। अमित के साथ आनंदी गोपाल पार्क के निवासी होटल कारोबारी राहुल जगताप के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध थे। इस बीच, गौतम ने अमित को नशे की आदत लगाई। इसके बाद दिसंबर में नानासाहब कापडणीस को बेहोशी की दवा पिलाकर शहर के बाहर लेकर गया। इसके बाद पालघर जिले के मोखाडा घाटी में उनका गला घोटकर हत्या की और शव को खाई में फेंक दिया। अमित को भंडारदरा में सैर करने के लिए लेकर गया। इसके बाद उसकी भी हत्या की गई। इसके बाद वाकी घाटी में उसका शव जलाकर उसे फेंक दिया। दोनों शव पुलिस को मिले, लेकिन आस-पास कहीं भी लापता होने की शिकायत दर्ज नहीं हुई थी।

पुलिस का डंडा पड़ने के बाद राहुल ने सच बताया

कापडणीस की पत्नी और कन्या मुंबई में रहते है। उनकी, कन्या शीतल ने कापडणीस से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका मोबाइल राहुल जगताप के पास मिला। इसके बाद वह पिता और भाई को मिलने के लिए नाशिक में आई। इस दौरान राहुल ने आपके घर का रंग रोगन शुरू होने के कारण वह दूसरी जगह पर रहने के लिए जाने की बात कहीं।  इसके बाद शीतल फिर से मुंबई लौटी, लेकिन बाद में संपर्क नहीं हुआ। इसलिए वह फिर से नाशिक पहुंची और उन्होंने सरकारवाडा पुलिस के साथ संपर्क किया। पुलिस को राहुल पर संदेह होने के कारण उन्होंने जांच आगे बढाई। इसके बाद सच्चाई सामने आई। होटल कारोबारी राहुल ने पिता-पुत्र की अत्यंत ठंडे दिमाग से हत्या की। इसके बाद इसका जश्न मनाया। अपने मित्र और होटल के 22 सहयोगियों को राहुल रत्नागिरी में लेकर गया। थर्टी फर्स्ट का जोरदार जश्न हुआ। कोकण में पर्यटन किया। चार दिनों के बाद वह फिर से नाशिक लौटा। कापडणीस के परिवार संबंधी दूसरा कोई भी नाशिक में नहीं था। इसलिए कापडणीस पिता-पुत्र कहा गए, इसकी कोई चर्चा नहीं हुई। उनकी कन्या को भी झूठी जानकारी दी, लेकिन पुलिस का डंडा पड़ने के बाद राहुल ने सच बताया।

नाशिक में बड़े पैमाने पर संपत्ति

नाशिक में कापडणीस की बड़े पैमाने पर संपत्ती है। पंडित कॉलोनी में 4 प्लैट, सावरकरनगर में 2 बड़े बंगले, 97 लाख रुपए के शेअर्स ट्रेडिंग, 20 लाख रुपए की एफडी, 30 लाख रुपए का निवेश, देवलाली कैम्प में विस्तारीत रो-हाऊस, नानावली में दूकान, सावरकर नगर में फ्लैट के अलावा अन्य कई सम्पत्तियां है, जिसकी देखरेख करने के लिए केवल कापडणीस पिता-पुत्र ही थे, जिसे ध्यान में रखकर राहुल अत्यंत नियोजनबद्ध तरिके से उनकी हत्या करते हुए संपत्ती हड़पने का षडयंत्र रचा।