नाशिक
Published: Apr 12, 2021 09:50 PM ISTNashikलॉकडाउन से पहले जमकर खरीदारी, नाशिक में शुरू हुआ महाखरीदी उत्सव
नाशिक. आगामी तीन दिनों के बाद राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन (Lockdown) लागू होने की संभावना व्यक्त की जा रही है, जिसे लेकर मुख्यमंत्री हर दिन सहयोगी राजनीतिक दल, विपक्ष दल और वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह मशवरा कर रहे हैं। सख्त लॉकडाउन (Strict Lockdown) के लिए रणनीति बनायी जा रही है, ताकि कोरोना (Corona) की श्रृंखला को तोड़ा जा सके। दूसरी ओर विकेंड लॉकडाउन (Weekend Lockdown) सोमवार को खत्म होते ही नाशिक में महाखरीदी उत्सव शुरू हुआ, जिसमें कोरोना नियमों (Corona Rules) की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। मंडियों में नागरिकों की भारी भीड़ देखने को मिली।
इसके बावजूद जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी कोराना नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले नागरिकों पर सख्त कार्रवाई करने में लाचार दिखाई दिए। कुल मिलाकर नागरिक और प्रशासन कोरोना महामारी को गंभीरता से नहीं लेते हुए दिखाई दे रहे हैं।
किराना की दुकानों पर दिखी भीड़
कोरोना को लेकर जनजागृति करने के बाद भी नागरिक सावधानी नहीं बरत रहे हैं तो प्रशासन, नागरिकों को सावधानी का पाठ पढ़ाते-पढ़ाते थक चुका है। महामारी में एक लापरवाही व्यक्ति की वजह से कई लोगों की जान का खतरा बना हुआ है, ऐसे में खुद से ही नियम का पालन करना जरूरी है। संपूर्ण लॉकडाउन की संभावना ने किराना की दुकानों पर भी भारी भीड़ दिखी। नागरिक एक दूसरे पर गिरते पड़ते दिखाई दिए। लोगों को लॉकडाउन का खौफ तो है लेकिन जिस वजह से लॉकडाउन लगाया जा रहा है उसका खौफ नहीं है। ऐसे में सामान के साथ लोग अपने घर को कोरोना वायरस भी ले जा सकते हैं।
किसी की नहीं सुन रहे नागरिक
प्रशासनिक अमला दिन-रात कोरोना की श्रृंखला तोड़ने का प्रयास कर रहा है, लेकिन सरकार द्वारा समय पर निर्णय न लेने से स्थिति और भी भयावह हो सकती है। लॉकडाउन के डर से नागरिक सामान की व्यवस्था कर रहे हैं। यह कार्य करते समय नागरिकों ने कोरोना नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है, लेकिन वह कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रशासन भी थक गया है।
सामानों के साथ घर पहुंच सकता है वायरस
शहर परिसर के अस्पताल में बेड नहीं है। रेमडिसिवर इंजेक्शन नहीं है। कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है। इतनी भयावह स्थिति होने के बाद भी नागरिकों ने मंडी में जोरदार भीड़ की, लेकिन प्रशासनिक अमला भीड़ को रोकते समय नजर नहीं आई। इक्का-दुक्का टीम केवल रसीद फाड़ते हुए दिखाई दी। किराना सामान के नाम पर जिन नागरिकों ने भीड़ की थी उन्हें यह पता नहीं है कि वह किराना के साथ कोरोना भी घर ले जा रहे हैं।