नाशिक

Published: Apr 07, 2022 09:05 PM IST

Nashikमालेगांव में तहसील कांग्रेस कमेटी ने किया केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, बढ़ती महंगाई से जनता त्रस्त

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मालेगांव : पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) समेत घरेलू गैस (Domestic Gas) की आसमान छूती कीमतों (Prices) से आम जनता परेशान है। केंद्र सरकार (Central Government) की जनविरोधी नीति का व्यापक स्तर पर विरोध किया जा रहा है। लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण सामान्य जनता केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) से बहुत बहुत नाराज है। बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर मालेगांव (Malegaon) तहसील कांग्रेस कमेटी की ओर से अतिरिक्त जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष केंद्र सरकार के विरोध आंदोलन करके उनकी जनविरोधी नीति के खिलाफ नारेबाजी की गई।  

केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार के पिछले सात वर्ष में महंगाई ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। पेट्रोल- डीजल- रसोई गैस, खाद्य तेल और दालों के दाम आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गए हैं। उज्ज्वला गैस के जरिए देश के गरीब लोगों को मुफ्त गैस मुहैया कराने के नाम पर मोदी ने आम जनता के साथ धोखाधड़ी की है, ऐसा आरोप लगाते हुए आंदोलनकारियों ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने गैस कनेक्शन देकर मिट्टी का तेल बंद कर दिया और अब आम जनता को 1000 रुपये से 1,500 रुपये का गैस सिलेंडर के लिए चुकाने पड़ रहे हैं। नेपाल, भूटान, बांग्लादेश के पेट्रोल-डीजल के रेट की तुलना में भारत में पेट्रोल-डीजल का रेट बहुत ज्यादा है। मोदी सरकार के कारण कृत्रिम मुद्रास्फीति ने अन्य वस्तुओं की कीमतों को भी बढ़ा दिया है, इससे आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है।

एक तरफ लोगों के हाथ में कोई काम नहीं है तो दूसरी ओर आम जनता के साथ-साथ मध्यम वर्ग भी महंगाई के दुष्चक्र में फंसता जा रहा है। क्योंकि पेट्रोल-डीजल की कीमतें नागरिकों और किसानों के लिए असहनीय हैं, इसलिए अक्षम सरकार के खिलाफ एक जन आंदोलन चलाया गया और उसमें यह बताया गया कि केंद्र की मोदी सरकार किस तरह सामान्य जनता के हितों को नजरअंदाज कर रही है। इस आंदोलन में जिला अध्यक्ष डॉ. तुषार शेवाले के अलावा तहसील कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र ठाकरे,  दत्तात्रेय खैरनार, संजय पवार, शशिकुमार पाटिल, दत्तात्रेय वडकते, किरण निकम, शशिकांत खैरनार, नितीन बच्छाव, संजय पाटिल, डॉ. अरुण पाठाडे, भाईदास पाटिल, विलास खैरनार, शैला मनोहर सोनवणे, मंगला तलवार, डॉ. महेंद्र शिरोले, विनायक कन्नोर, राम हक, नीलेश थोराट, निखिल पवार, गोरख शेलार समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।