नाशिक

Published: Jan 28, 2022 03:05 PM IST

Nashik Bridge Inauguration महाराष्ट्र के शेंद्रीपाडा की महिलाओं अब और नहीं डालनी होगी जोखिम में अपनी जान, आदित्य ठाकरे ने किया पुल का उद्घाटन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के नाशिक (Nashik) में शेंद्रीपाडा (Shendripada) की महिलाओं (Woman) को अब पानी के लिए अपनी जान जोखिम नहीं डालनी पड़ेगी। महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने शुक्रवार को एक नए ब्रिज का उद्घाटन किया। नाशिक के इस आदिवासी गांव में लोग, खासकर महिलाएं अपनी जान जोखिम में डालकर बांस के एक अस्थायी पुल का इस्तेमाल किया करती थीं। आदित्य ठाकरे ने इस उद्घाटन के साथ-साथ गांव में जल परियोजना का भी उद्घाटन किया और स्थानीय महिलाओं से चर्चा की। 

आदित्य ठाकरे ने इस मौके पर कहा, ‘मैंने सोशल मीडिया पर इस जगह की फोटो देखी और अधिकारियों को समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया। हमने यहां एक पुल बनाया है और अगले 3 महीनों के भीतर हम यहां हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराएंगे। हमारा ध्यान लोगों की समस्याओं का समाधान करने पर है।’

बता दें कि, यहां की महिलाओं द्वारा मौत के मुंह से पीने का पानी (Drinking Water) लाने की खबर कई समाचार पत्रों की सुर्खियां बनीं थी जिसके बाद इनकी मदद के लिए खुद आदित्य ठाकरे आगे आए। जिला परिषद प्रशासन (District Council Administration) ने 30 फीट गहरी खाई पर पुल (Bridge) बनवाया। साथ ही नल के जरिए पीने का पानी देने की व्यवस्था भी की गई है।

गौरतलब है कि खरखेत ग्राम पंचायत परिसर में 12 पाड़ा है। यहां के लगभग सभी परिवार खेती के लिए पाड़ा से डेढ़ किलोमीटर दूर तास नदी के तट पर रहते है। 25 आदिवासी बस्ती में 300 से अधिक परिवार है। यहां की महिलाओं को हर दिन मौत के मुंह से पीने का पानी लाना पड़ता था। ये महिलाएं खाई में बनाई गई लकड़ी के पुल को पार कर पानी लाती थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खबर ये भी है कि, पहले कई ग्रामीण इस खाई में गिर चुके है। सरकार की कई योजनाएं गांव के लिए आती है, लेकिन इन बस्ती तक नहीं पहुंचती है। इससे पहले यहां लड़की के पल से चलकर विद्यार्थी हरसुल, पेठ आदि परिसर में शिक्षा के लिए जाते थे। नदी के नजदीक खेती है, लेकिन बिजली की व्यवस्था न होने से पानी लेने के लिए मोटर का उपयोग नहीं किया जा सकता। बारिश की पानी पर ही खेती की जाती है।