महाराष्ट्र

Published: Jun 08, 2023 01:59 PM IST

Sharad Pawar's Statement'....औरंगाबाद ही कहूंगा' शरद पवार के इस बयान पर NCP नेताओं ने किया बड़ा खुलासा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की राजनीति में कब कौन सा मुद्दा चर्चा का विषय बन जाएं यह कोई नहीं बता सकता। हाल ही में कुछ ऐसा ही हुआ है, जिसकी चर्चा महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में जोरों से हो रही है। दरअसल महाराष्ट्र में शहरों के नाम बदलने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से विपरीत प्रतिक्रिया आ रही है। शहरों के नाम बदलने को लेकर ही फिर एक बार यह मुद्दा गरमाया हुआ है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला… 

औरंगाबाद या ‘छत्रपति संभाजीनगर’? 

गौरतलब हो कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तब ही औरंगाबाद का नाम बदलकर ‘संभाजीनगर’ कर दिया गया था। तभी जैसे ही शिंदे-फडणवीस सरकार आई तो नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर’ कर दिया गया। ऐसे में अब इस नाम को लेकर शरद पवार के दौरे के बाद एक अलग ही चर्चा शुरू हो गई, जबकि इस नाम परिवर्तन के मुद्दे पर विवाद चल रहा था। 

शरद पवार के बयान पर अमोल कोल्हे…. 

इस दौरे के दौरान शरद पवार ने बयान दिया था कि वह संभाजीनगर नहीं बल्कि औरंगाबाद ही कहेंगे। ऐसे में अब इस बीच अब इन खबरों को खारिज किया जा रहा है और एनसीपी ने इसका खुलासा किया है। हडपसर में राकांपा सांसद अमोल कोल्हे ने कहा, ‘शरद पवार ने कभी भी ऐसा बयान नहीं दिया कि वह औरंगाबाद ही कहेंगे। यह सब एक फर्जी नैरेटिव बनाया जा रहा है।’ अमोल कोल्हे के अलावा एनसीपी यूथ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रवक्ता सूरज चव्हाण ने भी इस बारे में बताया। आइए जानते है उन्हें क्या कहा है।

 

सूरज चव्हाण ने किया खुलासा… 

मैं छत्रपति संभाजीनगर में दो दिनों से शरद पवार के साथ हूं। उन्होंने किसी भी कार्यक्रम में शहर का नाम बदलने पर अपनी राय नहीं रखी है। एक न्यूज चैनल ने गलत जानकारी दी थी। सूरज चव्हाण ने यह भी बताया कि इसके खिलाफ एनसीपी द्वारा कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। अब देखन यह होगा कि  इस विषय को लेकर आगे और कोनसे खुलासे होते है। 

क्या था किस्सा? 

आगे उन्होंने कहा, शरद पवार ने छत्रपति संभाजीनगर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए एक किस्सा सुनाया। तब उन्होंने कहा था कि जाफराबाद से आते समय एक सहयोगी ने समृद्धि हाईवे देखने की इच्छा जताई थी। उस रास्ते से हम औरंगाबाद आ गए। जब शरद पवार ने देखा कि शहर का उल्लेख औरंगाबाद के रूप में किया गया है, तो उन्होंने इसे ठीक किया और संभाजीनगर कहा और कहा कि वह विवाद को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। फ़िलहाल उनके इस बयान की काफी चर्चा हो रही है।