महाराष्ट्र

Published: May 31, 2023 03:33 PM IST

Savitribai Phuleसावित्रीबाई फुले पर आपत्तिजनक लेख पर वेबसाइट के खिलाफ NCP का प्रदर्शन, शिंदे सरकार भी करेगी कार्रवाई

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic: ANI

मुंबई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेताओं ने जानी मानी समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक लेख प्रकाशित करने के आरोप में दो वेबसाइट के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए बुधवार को मुंबई पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सामग्री की जांच करने और उसके आधार पर कार्रवाई करने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं।

शिंदे ने कहा कि प्रख्यात लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार, जयंत पाटिल, सुनील तटकरे और छगन भुजबल एवं पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने मुंबई पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। मुंबई पुलिस आयुक्त को दिए गए पवार, पाटिल और भुजबल द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में दावा किया गया कि ‘इंडिक टेल्स’ और ‘हिंदू पोस्ट’ वेबसाइट ने फुले के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की है जिन्हें महिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि यह कृत्य लोगों को भड़काने के मकसद से किया गया है। पत्र में कहा गया है, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज और शाहू-फुले-आंबेडकर के महाराष्ट्र में सावित्रीबाई फुले को अपमानित करने का यह बेहद निंदनीय कृत्य किया गया है और हम लोग इसका कड़ा विरोध करते हैं। बाद में मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी करके कहा कि कई सामाजिक तथा राजनीतिक संगठनों ने सावित्रीबाई फुले पर आपत्तिजनक लेख के खिलाफ प्रदर्शन किया है।

बयान में कहा गया,‘‘ इसका संज्ञान लेते हुए,मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को इंडिक टेल्स वेबसाइट के लेख की जांच करने और उसके आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि शख्सियतों के बारे में लिखते वक्त बेहद सावधानी बरतने तथा उनके बारे में विस्तार से अध्ययन करने की जरूरत होती है ताकि इससे किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचे।

भुजबल ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वेबसाइट और फुले पर कथित आपत्तिजनक लेख लिखने वाले लेखक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा, ‘‘पोर्टल इतिहास को पुनर्व्यवस्थित करने के नाम पर इतिहास को बर्बाद कर रहा है। इस समाज विरोधी प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।