पुणे

Published: Jul 14, 2022 04:20 PM IST

Illegal Tree Cuttingपेड़ों की अवैध कटाई मामले में कंपनी को लगा इतने लाख का जुर्माना

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
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पिंपरी : एक कंपनी में बिना अनुमति 90 पेड़ों (90 Trees) की कटाई किये जाने का मामला सामने आने के बाद पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) का उद्यान विभाग नींद से जाग गया है। इस मामले में आकुर्दी की फॉर्मायका कंपनी (Formayaka Company) को 90 पेड़ों की अवैध कटाई (Illegal Cutting) के लिए 45 लाख रुपए के जुर्माने की नोटिस जारी की गई है। साथ ही इस मामले में आपराधिक मामला दर्ज कराने के संकेत भी दिए हैं। 

कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करने के संकेत

आकुर्दी में एक कंपनी ने न केवल अवैध रूप से अपने परिसर से 90 पेड़ काट दिए, बल्कि जेसीबी ने उन्हें पिछले हफ्ते उखाड़ दिया। इस बारे में अपना वतन संगठन ने शिकायत करते ही महानगरपालिका ने इस कंपनी को 45 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करने के संकेत दिए हैं। इस बीच, अपना वतन के कार्यकारी अध्यक्ष हामिद शेख ने संदेह व्यक्त किया है कि वास्तव में कुछ सैकड़ों पेड़ काटे गए हैं।  

महानगरपालिका के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत

संगठन ने इस शिकायत में कहा था कि सागौन, चूना, बबूल, बरगद, पीपल जैसी विभिन्न प्रजातियों के कई सौ पेड़ काट दिए गए हैं। यह भी दावा किया गया कि इस अवैध पेड़ की कटाई में महानगरपालिका के कुछ अधिकारियों मिलीभगत है। इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ है। न ही ऐसा होने की संभावना दिखती है। अपना वतन के संस्थापक अध्यक्ष सिद्दीकी शेख का कहना है कि उद्यान विभाग के अधिकारी सुपारी लेकर पेड़ों का कत्ल कर रहे हैं।

आकुर्डी की फॉर्मयका कंपनी में इन पेड़ों के काट ने के बाद, सबूतों को नष्ट करने का प्रयास किया गया। जेसीबी से पेड़ उखाड़े जाने के बाद क्षेत्र को समतल किया था। तीस-चालीस मजदूरों ने मिलकर काटे पेड़ों को दस-बारह ट्रकों में ढोया। सिद्दीकी शेख ने आरोप लगाया है कि इन वाहनों पर पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका लिखा हुआ था। इस बीच, महानगरपालिका के उद्यान और वृक्ष संरक्षण विभाग के उपायुक्त सुभाष इंगले ने कहा कि फॉर्मयका कंपनी को 50 हजार प्रति पेड़ के हिसाब से 45 लाख रुपए का जुर्माना की नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर इस कंपनी का खुलासा संतोषजनक नहीं हुआ तो उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा।