पुणे

Published: Jun 17, 2020 08:51 PM IST

पुणेनगरसेवकों का अपात्र होने का संकट टला!

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

– आम सभा बुलाकर किया गया स्थगित

पुणे. कोरोना के चलते महापालिका में सभी कामकाज प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा है. मार्च माह से आम सभा भी बुलाई नहीं गई थी. साथ ही कई नगरसेवक मनपा में भी आ रहे थे. कानून के अनुसार लगातार 3 माह तक अनुपस्थित रहने से नगरसेवकों का पद रद्द हो जाता है. ऐसे करीब 98 नगरसेवक थे. लेकिन बुधवार को बुलाई गई आम सभा की वजह से यह संकट टल गया है. इस बीच यह सभा विपक्षियों के विरोध के बावजूद रद्द की गई.

अनुपस्थिति की वजह से गहराया था संकट

ज्ञात हो कि लगातार 3 माह से कोरोना का प्रकोप जारी है. सभी शहरवासी इससे परेशान है. महापालिका की ओर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच, महापालिका में सभी कामकाज प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा है. मार्च माह से आम सभा भी बुलाई नहीं गई थी. साथ ही कई नगरसेवक मनपा में भी आ रहे थे. महाराष्ट्र महापालिका अधिनियम कानून के अनुसार लगातार 3 माह तक अनुपस्थित रहने से नगरसेवकों का पद रद्द हो जाता है. ऐसे करीब 98 नगरसेवक थे. इन्होने मस्टर पर हस्ताक्षर भी नहीं किए थे. इस वजह से इन लोगों पर अपात्र होने का संकट गहरा था. इस वजह से बुधवार को आम सभा बुलाई गई थी.

सभा स्थगिती का विपक्षियों द्वारा विरोध

इस बीच, विपक्षी दलों के नगरसेवकों द्वारा सभा में भाषण करने की मांग की. साथ ही कोरोना के खर्चा की जानकारी व इसको लेकर किए जा रहे उपाय योजनाओं की जानकारी देने की मांग विपक्षी दलों ने की. लेकिन सत्ताधारी पार्टी ने सभा स्थगित करने का प्रस्ताव रखा. इसे विपक्षियों ने विरोध किया. इस वजह से इसपर मतदान लिया गया. 60 बनाम 34 मतदान हुआ व आखिर सभा स्थगित की गई.

कोरोना के चलते इतने लोगों के सभा उचित रखना जारी नहीं होगा क्योंकि विभिन्न इलाके से लोग सभा में आए हैं. इसलिए सभा जारी रखना ठीक नहीं है. इस वजह से सभा स्थगित करनी चाहिए. हमारा उद्देश्य नगरसेवकों को हाजिरी के लिए बुलाना था. इससे अब अपात्र होने का संकट टला है.  – मुरलीधर मोहोल, महापौर