पुणे

Published: Sep 12, 2020 08:01 PM IST

आरोपमराठा आरक्षण में महाआघाड़ी सरकार को रुचि नहीं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे. महाआघाड़ी सरकार द्वारा मराठा समाज को दिया गया आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में टिके, मौजूदा सरकार की ऐसी इच्छा नहीं थी. इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर स्टे लगाया है. इस तरह का तीखा हमला भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बोला. 

मराठा समाज के लिए आरक्षण पर स्टे लगाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चंद्रकांत पाटिल बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत को लेकर सत्ताधारी पार्टी द्वारा दिया गया बयान शिवाजी महाराज का वंशज बताने वाले महाराष्ट्र को शोभा नहीं देता है.

सिर्फ महाराष्ट्र में ही रोक क्यों लगाई गई?

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार द्वारा अथक परिश्रम करके मराठा समाज को आरक्षण दिया गया. कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की आघाड़ी सरकार 15 वर्ष सत्ता में रहने के बावजूद मराठा समाज को आरक्षण नहीं दे पाई, लेकिन ऐसा दिख रहा है कि मौजूदा सरकार की इच्छा नहीं थी कि हमारी सरकार द्वारा दिया गया आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में टिक सके. महाराष्ट्र में आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा का उल्लंघन किया गया. लेकिन कई राज्यों में आरक्षण की इस सीमा को पार किया गया है. इसे लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है. लेकिन किसी भी राज्य में सीमा से अधिक के आरक्षण पर स्टे नहीं लगाया गया है. केवल महाराष्ट्र में ही इस पर क्यों रोक लगाई गई है?

हमारी सलाह को नजरंदाज किया गया

मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर गंभीरता से ध्यान देने की मांग सरकार से की जा रही थी. मैंने सार्वजनिक बांधकाम मंत्री अशोक चव्हाण से महाराष्ट्र सरकार द्वारा आरक्षण का पक्ष रखने के लिए अच्छे वकीलों से मामले को आगे बढ़ाने की मांग की थी. लेकिन हमारी सलाह पर सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई. इसका परिणाम सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण पर स्टे के रूप में सामने आया है.