पुणे

Published: Apr 21, 2022 05:02 PM IST

Pimpri-Chinchwad Crimeपिंपरी-चिंचवड में आठ साल के मासूम के हत्या की गुत्थी सुलझी, फिरौती के लिए बच्चे को किया अगवा, बाद में उतार दिया मौत के घाट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पिंपरी: चार दिन पहले पिंपरी-चिंचवड शहर (Pimpri-Chinchwad City) के चिखली की हरगुडे बस्ती में एक आठ वर्षीय बच्चे (Child) की पत्थर से कूचकर हत्या (Murder) कर दी गई थी। इस वारदात से पूरे शहर में आक्रोश व्याप्त था। इस हत्या की गुत्थी को पिंपरी-चिंचवड पुलिस (Pimpri-Chinchwad Police) के एन्टी गुंडा स्क्वाड ने सुलझा लिया है। अप्पर पुलिस आयुक्त डॉ. संजय शिंदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौंकाने वाले खुलासा किया है। इस मामले में गिरफ्तार (Arrested) आरोपी ने पहले फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण किया, इसमें असफल होने के बाद पत्थर मारकर निर्मम हत्या कर दी।

अप्पर पुलिस आयुक्त डॉ. संजय शिंदे ने बताया कि 16 अप्रैल को हरगुडे बस्ती में रहने वाले किराना दुकानदार बाबुराम डुंगराम देवासी का आठ वर्षीय पुत्र लक्ष्मण देवासी दोपहर 12.30 बजे से लापता था। घर वालों ने उसके गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी थी। पुलिस बच्चे की तलाश शुरु की। बाद में एक ध्वस्त शेड में लक्ष्मण की लाश पायी गई। चिखली पुलिस ने संदिग्घ 7 लोगों को हिरासत में लिया था। गुंडा विरोधी पथक की टीम ने आरोपी बपील अहमद रईस लष्कर (26) को गिरफ्तार करने में कामयाब रही। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया है।

सीसीटीवी में कैद हुई तस्वीर

आरोपी बपील अहमद रईस लष्कर ने पुलिस को हत्या का कारण चौंकाने वाला बताया। वह एक सीएनजी मशीन का ऑरेपटर है। वीजा, पासपोर्ट के लिए उसे एक लाख रुपए की जरुरत थी। आरोपी और पीड़ित परिवार पिछले 3 सालों से पड़ोसी थे। एक दूसरे से अच्छी तरह जान-पहचान है। आरोपी ने बच्चे को कुछ प्रलोभन के तहत घर से दूर ले गया। सीसीटीवी कैमरे में ले जाते वक्त की तस्वीर कैद हुई है। रास्ते में बच्चा नीचे गिर गया और उसे चोटें आयी, खून निकलने से बच्चा जोर-जोर से रोने और चिल्लाने लगा। आरोपी डर गया और 200 मीटर की दूरी पर एक पत्राशेड का टूटा-फूटा मकान दिखा और उसके अंदर बच्चे को ले गया। गिरफ्तारी के डर से और सुराग मिटाने के इरादे से पत्थर मारकर बच्चे की निर्मम हत्या कर दी। आरोपी पुलिस रिमांड में है।

एक लाख रुपए की आरोपी को थी जरुरत

अप्पर पुलिस आयुक्त डॉ. संजय शिंदे का मानना है कि प्रथम दृटया में यह जानकारी सामने आई है कि आरोपी को वीजा और पासपोर्ट के लिए 1 लाख रुपए की जरुरत थी। बच्चे का अपहरण करके घर वालों से फिरौती की रकम मांगना मुख्य उद्देश्य थे, लेकिन उससे पहले बच्चे के चिल्लाने और शोर-शराबा करने की वजह से हत्या करके शव फेंककर आरोपी चला गया। पुलिस को पहले दिन से ही इस आरोपी पर शक था। पुलिस की टीम विभिन्न एंगल से जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस ने 83 ठिकानों से सीसीटीवी फुटेज संकलित की है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। गुंडा विरोधी दस्ते के सहायक पुलिस निरिक्षक डॉ. अशोक डोंगरे, हरिश माने, हजरत पठान, प्रवीण तापकीर, सोपान ठोकल, गंगाराम चव्हाण, विक्रम जगदाले, गणेश मेदगे, सुनिल चौधरी, नितीन गेंगजे, शाम बाबा, विजय तेलेवार, मयुर दलवी, रामदास मोहिते, ज्ञानेश्वर गिरी और तौफीक शेख की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।