पुणे

Published: Jul 07, 2020 08:01 PM IST

कर्जपिंपरी-चिंचवड़ के फेरीवालों को मिलेगा 10 हजार का कर्ज

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पिंपरी. शहर के रेहडी-ठेले व खोमचे वालों को कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) के रूप में 10 हजार रुपये नकद ऋण उपलब्ध कराया जायेगा. केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना के तहत राज्य के नगर विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इस वजह से ठेले व खोमचे वालों के ऑनलाइन व बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन के लिए मनपा की दौडधूप शुरू हो गई है.

लॉकडाउन में प्रभावित हुआ व्यवसाय 

पिंपरी-चिंचवड में ठेले-खोमचे वालों को शहर की अर्थ-व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, लेकिन लॉकडाउन की अवधि में उनकी आजीविका पर विपरीत असर पडा है. अधिकतर विक्रेता कम पूंजी पर कारोबार करते हैं. लॉकडाउन की वजह से उनके पास पूंजी बची होने की संभावना न रहने से केंद्र सरकार ने इस योजना के माध्यम से उन्हें माइक्रो क्रेडिट मुहैया कराने का निर्णय लिया है. पिंपरी मनपा से बिक्री प्रमाणपत्र प्राप्त व पहचान-पत्र रखने वाले तथा सर्वे में पाये गये, लेकिन बिक्री प्रमाणपत्र व पहचानपत्र न रहने वाले हॉकर्स भी इस योजना के लिए पात्र होंगे.

 बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन में आ रही दिक्कतें

 मनपा द्वारा पिछले 3-4 वर्षों से ठेले-खोमचे वालों का बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए मनपा ने एक एजेंसी भी नियुक्त की है, लेकिन यह देखने में आया है कि रजिस्ट्रेशन का काम ठप है. हॉकर्स जोन निश्चित करने के लिए ठेले-खोमचे वालों का रजिस्ट्रेशन जरूरी है तथा उनके प्रतिनिधियों वाली समिति हॉकर्स जोन व ठेले वालों को निश्चित करेगी. हालांकि, रजिस्ट्रेशन ही न होने से हॉकर्स जोन का पेंच अब तक कायम है. शहर की सभी सडकों पर इन ठेले वालों ने कब्जा जमाया है, जिससे यातायात में बाधा पैदा होती है. अब कर्ज के बहाने ही सही मनपा ने इन खोमचे वालों के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया है. यह तो आने वाले वक्त में ही स्पष्ट होगा कि रजिस्ट्रेशन होने देंगे या नहीं तथा क्या क्रेडिट के आवंटन के लिए भी राजनीतिक दबाव बढे़गा?