पुणे

Published: Jun 22, 2020 06:58 PM IST

पुणेपुलिस आयुक्त ने ली अपने ही अधिकारियों की क्लास

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

– दो महीनों के कामकाज का लिया जायजा

 पिंपरी. लॉकडाउन में शिथिलता के बाद से पिंपरी-चिंचवड़ शहर में एक बार फिर असामाजिक तत्व पूरी तरह से सक्रिय हो गए है. छेड़खानी, चोरी, लूटपाट, हत्या जैसे गंभीर अपराध आए दिन हो रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से तो आत्महत्या की वारदातों ने नागरिकों को चिंतित कर दिया है. 

इसी पृष्ठभूमि पर पुलिस कमिश्नर संदीप बिष्णोई ने अपने ही अधिकारियों की ‘क्लास’ लेनी शुरू कर दी है. हाल ही में उन्होंने कुछ अधिकारियों से बातचीत की व पिछले दो महीनों के कामों का  जायजा लिया. इस वजह से लापरवाह अधिकारियों में खलबली मच गई है.

बैंकों को नोटिस भेजने के निर्देश 

पीसी बिष्णोई ने निगडी में घटी एटीएम तोडे़ जाने की घटना को लेकर सभी बैंक मैनेजरों की बैठक आयोजित करने, उन्हें नोटिस जारी करने तथा रात में मार्शल की गश्त बढ़ाने का आदेश संबंधित अधिकारियों को दिया है. पिंपरी-चिंचवड में आपराधिक घटनाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. पिछले महीने हत्या की 9 घटनाएं घटीं. इनमें सर्वाधिक घटनाएं गैंगवार से संबंधित हैं. इसके अलावा गाड़ियों की तोड़फोड़ की घटनाओं ने नागरिकों को भयभीत कर दिया है. इस विषय में राज्य सरकार ने भी जवाब-तलब किया है. इस पृष्ठभूमि पर पीसी बिष्णोई सभी पुलिस स्टेशनों के प्रभारी अधिकारियों के कामकाज का जायजा ले रहे हैं.

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से चर्चा 

पिछले सप्ताह उन्होंने क्राइम ब्रांच के सभी अधिकारियों से बातचीत की. आपराधिक घटनाओं में वृद्धि को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई और कामकाज में सुधार करने का आदेश दिया.

फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने पर जोर

चिखली व निगडी में शातिर अपराधियों की वजह से गंभीर आपराधिक घटनाएं घटीं. उन अपराधियों पर पहले ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? यह सवाल उठाते हुए पीसी बिष्णोई ने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की संख्या में वृद्धि पर जोर देने का आदेश भी अधिकारियों को दिया. प्रतिबंधात्मक कार्रवाई में कमी ही आपराधिक घटनाओं की वजह पुलिस कमिश्नर संदीप बिष्णोई ने कहा कि यदि प्रतिबंधात्मक कार्रवाई जारी रहे, तो अपराधियों पर पुलिस की धाक रहती है. प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कम होने से ही आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हो रही है. इसके चलते संबंधित अधिकारियों को मोका, तडीपार या हिरासत में लेने जैसी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है.