पुणे

Published: Oct 02, 2021 03:08 PM IST

Protestपुणे में रेलवे निजीकरण के खिलाफ आंदोलन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पुणे. रेलवे (Railway) का निजीकरण (Privatization) तत्काल बंद किया जाए। रेलवे को प्राइवेट ऑपरेटर्स (Private Operators) को सौंपने का निर्णय वापस लें और प्रमोशन में आरक्षण सुरक्षित करें और रिक्त पदों की भर्ती करें सहित कई मांगों को लेकर ऑल इंडिया एससी, एसटी रेल्वे एम्प्लॉईज एसोसिएशन द्वारा रेलवे स्टेशन के समीप स्थित पुणे मंडल डीआरएम ऑफिस के सामने आंदोलन (Protest) किया गया।

इस समय एसोसिएशन के पुणे विभाग अध्यक्ष महेंद्र गायकवाड, कार्यकारी अध्यक्ष विशाल ओवाल, सचिव नितीन वानखेडे, कोषाध्यक्ष रोहन राजगुरु, अतिरिक्त सचिव दिनेश कांबले उपस्थित थे। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. एल. बैरवा, महामंत्री अशोक कुमार, मध्य रेल जोनल अध्यक्ष बी. के. खोईया, सचिव सतीश केदारे के मार्गदर्शन में बड़ी संख्या में रेल कर्मचारी शामिल हुए।

प्राइवेट कंपनियों की मनमानी बढ़ेगी

आंदोलनकर्ताओं ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण, किराए पर रेल्वे स्टेशन, हिल स्टेशन, ट्रेन, गोदाम, कोंकण रेल्वे को चलने का प्रस्ताव है। निजीकरण के कारण रेलवे नौकरी में एससी, एसटी के लोगों को आरक्षण नहीं मिलेगा। उनकी नौकरी पर गंभीर संकट के बादल है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार डीओपीटी और रेलवे बोर्ड के आदेशानुसार एससी, एसटी कर्मचारियों की पोस्टिंग की जाए। साथ में रेल्वे के निजीकरण के कारण कर्मचारियों पर प्राइवेट कंपनियों की मनमानी बढ़ेगी। अनावश्यक प्रतिबंध और नियम लगाए जाएंगे। रेलवे का निजीकरण फौरन रोका जाए, ऐसी मांग आंदोलनकर्ताओं ने की।