पुणे

Published: Jun 30, 2021 03:59 PM IST

Pune Municipal Corporationफ्लैट बिक्री का पुन: प्रस्ताव खारिज

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे. सत्तारूढ़ दल ने महानगरपालिका के स्वामित्व वाले फ्लैटों को केवल बिल्डरों के हितों की रक्षा के लिए बेचने का फैसला किया है। ऐसा आरोप एनसीपी (NCP) के शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप (Prashant Jagtap), कांग्रेस गुटनेता आबा बागुल (Aba Bagul) और शिवसेना गुटनेता पृथ्वीराज सुतार ने लगाया था। उन्होंने स्थायी समिति के इस प्रस्ताव पर पुन: प्रस्ताव दाखिल किया था, लेकिन मंगलवार की स्थायी समिति (Standing Committee) की बैठक में इस पर कोई चर्चा ना कर यह प्रस्ताव ख़ारिज किया गया।

विकास नियंत्रण विनियमों के प्रावधानों के अनुसार, पुणे नगर निगम के स्वामित्व वाले फ्लैट सड़क चौड़ीकरण या अन्य परियोजना प्रभावित लोगों को किराया देकर पुनर्वास किया जाता है।  ऐसा पुणे नगर निगम के संपत्ति एवं प्रबंधन विभाग के माध्यम से परियोजना प्रभावित लोगों को 2199 फ्लैटों का वितरण द्वारा उनका पुनर्वास किया गया है, लेकिन इस पर महानगरपालिका का ही ज्यादा खर्चा होने लगा है। महानगरपालिका इन फ्लैटों की बिक्री अब वहां के नागरिकों को ही करेगी। लगभग 1500 फ्लैटों की बिक्री की जाएगी। इससे महानगरपालिका को टैक्स के माध्यम से आय भी मिलेगी। इससे सम्बंधित प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी दी है, लेकिन सत्तारूढ़ दल ने महानगरपालिका  के स्वामित्व वाले फ्लैटों को केवल बिल्डरों के हितों की रक्षा के लिए बेचने का फैसला किया है। ऐसा आरोप एनसीपी के शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप, कांग्रेस गुटनेता आबा बागुल और शिवसेना गुटनेता पृथ्वीराज सुतार ने लगाया था। उन्होंने स्थायी समिति इस प्रस्ताव पर पुन: प्रस्ताव दाखिल किया गया था, लेकिन मंगलवार की स्थायी समिति की बैठक में इस पर कोई चर्चा ना कर यह प्रस्ताव ख़ारिज किया गया।

कोई चर्चा ना कर प्रस्ताव ख़ारिज करने का मतलब है कि भाजपा को इसमें वित्तीय फायदा होनेवाला है। पुणेकरो का इस तरह से नुकसान करना भाजपा को शोभा नहीं देता। किसी भी हाल में अपना फायदा है, इसके चलते भाजपा द्वारा इस तरह के निर्णय लिए जा रहे है।

- प्रशांत जगताप, शहराध्यक्ष, एनसीपी