पुणे

Published: Dec 07, 2020 07:29 PM IST

Corona Vaccineसीरम ने मांगी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे. महामारी कोरोना के संक्रमण का प्रकोप अभी भी बरकरार है और तेजी से बढ़ रहा है। इसके रोकथाम के लिए दुनिया की कई कंपनियां तेजी से वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं। इसी बीच फाइजर (Pfizer) के बाद भारत में कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) बना रही पुणे सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने भी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अनुमति मांगी है। इस अनुमति के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को आवेदन किया है।

फाइजर ने पहले ही किया आवेदन

सीरम ने आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (ईयूए) के तहत देश में कोरोना वैक्सीन का उपयोग शुरू करने की अनुमति मांगी है। सीरम द्वारा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford university) और ड्रगमेकर एस्ट्राज़ेनेका के साथ विकसित की गई यह वैक्सीन भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन की जानी वाली दूसरी वैक्सीन है। इससे पहले फाइजर (Pfizer) ने अपने वैक्सीन (vaccine) के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अनुमति मांगी थी। इसके बाद सीरम ने रविवार को वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को आवेदन भेजा है।

विशेषज्ञ समिति करेगी क्लीनिकल ट्रायल के डेटा की जांच

आधिकारिक सूत्रों से बताया गया है कि कंपनी ने वैक्सीन को जनहित और महामारी के कारण चिकित्सा आवश्यकताओं की पर्याप्त पूर्ति नहीं होने की आशंका जताते हुए अनुमति देने का आग्रह किया है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह की तरफ से किए गए आवेदन में वैक्सीन के चार चिकित्सकीय अध्ययनों का हवाला दिया गया है। इनमें से दो ब्रिटेन में किए गए हैं और एक-एक भारत व ब्राजील में हुआ है। फाइजर द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अनुमति मांगने के एक दिन बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसके क्लीनिकल ट्रायल (Clinical trial) के डेटा की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति के पास भेज दिया है।

आमतौर पर मंजूरी में कई साल लग जाते हैं

ब्रिटेन ने बुधवार को फाइजर के टीके को आपातकालीन उपयोग के लिए अस्थायी मंजूरी प्रदान की थी। ब्रिटेन के बाद शुक्रवार को बहरीन ने भी फाइजर को आपात इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी दी थी। वहीं कंपनी अमेरिका में पहले ही आवेदन कर चुकी है।

आपातकालीन इस्तेमाल यानी इमरजेंसी यूज एथॅराइजेशन की आपात मंजूरी वैक्‍सीन, दवाओं, डायग्‍नोस्टिक टेस्‍ट्स या मेडिकल उपकरणों के लिए भी ली जाती है। भारत में आपात मंजूरी के लिए सेंट्रल ड्रग्‍स स्‍टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन एक नियामक है। आम तौर पर वैक्‍सीन और दवाओं के इस्‍तेमाल की मंजूरी परीक्षणों के बाद दी जाती है, जिसमें कई साल लग जाते हैं। महामारी की स्थिति में जब लाभ जोखिम पर भारी दिखे तो आपात मंजूरी दे दी जाती है।