पुणे

Published: Oct 05, 2021 06:01 PM IST

Small Industryलघु उद्यमियों ने केंद्र सरकार से की रियायत की मांग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पिंपरी. कोरोना (Corona) ने सारे कारोबार को ठप्प कर दिया था। दो महीने के लिए सभी लघु उद्योग (Small Industry) बंद थे। ऐसे में उद्यमियों को भारी आर्थिक झटका झेलना पड़ रहा है। लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि में छोटे उद्यमियों का पूरा ब्याज (Interest) माफ किया जाए। केंद्र सरकार को उद्योगों को उत्पाद शुल्क और सेवा कर में रियायत देनी चाहिए। पिंपरी-चिंचवड़ लघु उद्योग संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड (Dr. Bhagwat Karad) से मिलकर यह मांग भी की है कि कच्चे माल की कीमतों को केंद्रीय स्तर पर नियंत्रित किया जाए। 

डॉ. कराड पिंपरी-चिंचवड़ में एक समारोह के लिए आए थे। तब लघुउद्योग संगठन के अध्यक्ष संदीप बेलसरे, सचिव जयंत कड ने उनसे मुलाकात कर लघु उद्यमियों को जीएसटी और बैंकिग संबन्धी विभिन्न समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी मौजूद थे। इस ज्ञापन में कहा कि कोरोना ने इंडस्ट्री को दो महीने के लिए बंद कर दिया। ऐसे में उद्यमियों को भारी आर्थिक झटका झेलना पड़ रहा है। 

ब्याज को पूरी तरह माफ किया जाए

लघु उद्योग संगठन ने केंद्र सरकार से लॉकडाउन अवधि के दौरान कर्ज पर ब्याज माफ करने को कहा था, लेकिन केवल ब्याज पर ब्याज माफ किया गया था। लॉकडाउन की अवधि के दौरान ब्याज को पूरी तरह माफ किया जाए, यह मांग डॉ कराड से की गई।

नई ऋण आपूर्ति नीति की घोषणा करनी चाहिए

उद्योग को नई ऋण आपूर्ति नीति की घोषणा करनी चाहिए। कोरोना काल में उद्योगों के लिए फंडिंग राष्ट्रीयकृत बैंकों तक सीमित थी। हालांकि, सभी उद्योगों के राष्ट्रीयकृत बैंकों में बैंक खाते नहीं हैं।  उनके सहकारी और अनुसूचित बैंकों में बैंक खाते भी हैं। अत: केंद्र सरकार से प्राप्त धनराशि को सभी सहकारी एवं अनुसूचित बैंकों को हस्तांतरित कर उद्योगों को उन्हें प्राप्त करने में सहायता की जानी चाहिए। 

दिल्ली में होगी बैठक

इस ज्ञापन में कहा गया है कि इससे उद्यमियों को कोरोना महामारी से हुए नुकसान से उबरने में मदद मिलेगी। उद्योगों को बैंकों से लिए गए कर्ज की अवधि बढ़ानी चाहिए। कर्ज पर ब्याज दरों में कमी की जानी चाहिए। इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं काटा जाना चाहिए।  संगठन ने जीएसटी रिटर्न समय पर दाखिल नहीं होने पर विलंब शुल्क और ब्याज का भुगतान न करने जैसी विभिन्न मांगें की हैं। इस पर लघु उद्योगों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा और जल्द ही दिल्ली में एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी, ऐसा संगठन के अध्यक्ष बेलसरे ने बताया।