पुणे

Published: Oct 29, 2020 09:01 PM IST

अनजानउपमहापौर के इस्तीफे से प्रदेशाध्यक्ष अनजान!

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पिंपरी. उपमहापौर तुषार हिंगे के इस्तीफे के मामले में नया और चौंकानेवाला मोड़ आ गया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के आदेश से हिंगे का इस्तीफा लिए जाने का दावा पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के सभागृह नेता नामदेव ढाके समेत अन्य स्थानीय नेताओं ने किया था. मगर परोक्ष में खुद चंद्रकांत पाटिल इस पूरे घटनाक्रम से अनजान नजर आए. हालिया वे पिंपरी-चिंचवड़ में पधारे थे तब वे उपमहापौर हिंगे के इस्तीफे की बात से अनभिज्ञ दिखाई दिए. इससे उनके आदेश से हिंगे का इस्तीफा लिए जाने का दावा करनेवाले स्थानीय नेताओं की पोल खुल गई है.

गत सप्ताह पिंपरी-चिंचवड शहर के मनपा और सियासी गलियारों में तब खलबली मच गई जब वर्तमान उपमहापौर तुषार हिंगे ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के पीछे बचे हुए समय में अन्य नगरसेवकों को मौका देने के फैसले की वजह बताई गई. बताया गया कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के आदेशानुसार शहराध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे के फोन पर हिंगे ने महापौर ऊषा ढोरे को अपना इस्तीफा सौंपा. हालांकि विधायक लांडगे ने एक बयान के जरिए स्पष्ट किया कि ज्यादा नगरसेवकों को मौका देने के लिए यह इस्तीफा लिया गया है. हिंगे का पूरा कार्यकाल उल्लेखनीय रहा है.

स्थानीय नेताओं की ‘कारगुजारी’ 

हाल ही में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल पिंपरी-चिंचवड़ शहर में पधारे थे. वे स्थानीय नेताओं के साथ बैठे थे तब वहां तुषार हिंगे पहुंच गए. पाटिल ने उन्हें उपमहापौर कहकर संबोधित किया और बैठने के लिए कहा. जब हिंगे ने बताया कि अब वे उपमहापौर नहीं रहे तब पाटिल अचंभित रह गए. उनके चौंकते ही ही स्थानीय नेता सकपका गए और हड़बड़ी में पाटिल को बताया कि आपने ही इस्तीफा लेने के लिए कहा था. इसके बाद भी प्रदेशाध्यक्ष का अचरज कम नहीं हुआ. इस पूरे वाक्ये से जहां स्थानीय नेताओं की प्रदेशाध्यक्ष के सामने ही पोल खुल गई. वहीं यह सवाल भी खड़ा हुआ कि कहीं हिंगे के इस्तीफे के पीछे पाटिल आदेश की बजाय स्थानीय नेताओं की ‘कारगुजारी’ जिम्मेदार तो नहीं? 

क्या है पूरा मामला?

तुषार हिंगे पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के शाहूनगर, म्हाडा, संभाजीनगर प्रभाग क्रमांक-10 से भाजपा के चुनाव चिन्ह पर पहली बार नगरसेवक चुने गए हैं. उन्हें क्रीड़ा समिति के सभापति की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. क्रीड़ा समिति के सभापति पद पर बने रहने के दौरान ही 22 नवंबर 2019 को उन्हें उपमहापौर बनाया गया. 11 माह के कार्यकाल के बाद आज अचानक उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. हिंगे ने जब इस्तीफा देने की वजह पूछी तो उन्हें पार्टी का आदेश रहने की बात कही गई. इसके बाद उन्होंने शहराध्यक्ष महेश लांडगे से संपर्क किया. उन्होंने अन्य नगरसेवकों को उपमहापौर पद पर मौका देने के फैसले और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के आदेश की जानकारी देकर उन्हें इस्तीफा देने को कहा. इसके अनुसार हिंगे ने तत्काल महापौर ऊषा ढोरे के पास जाकर अपना त्यागपत्र सौंप दिया. वजह चाहे जो भी हो हिंगे पर इस तरह से अचानक इस्तीफा देने की आयी नौबत सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी रही. गौरतलब है कि तुषार हिंगे ने क्रीड़ा समिति को एक नया आयाम देने की कोशिश की. उपमहापौर पद पर रहते उनके कार्यालय में लगनेवाला जनता दरबार दूसरे पदाधिकारी और राजनेताओं को लजानेवाला रहा.