पुणे

Published: Mar 30, 2021 04:53 PM IST

Seventh Pay Commissionकर्मचारियों को नहीं मिलेगी 50,000 की अंतर राशि

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पुणे. पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) को लागू करने के लिए हाल ही में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। वर्ष 2020-21 के लिए महानगरपालिका के बजट (Budget) में वेतन आयोग को भुगतान किए जाने वाले अंतर राशि के लिए 60 करोड़ रुपए का प्रावधान उपलब्ध है।

इस राशि से प्रत्येक कर्मचारी को 50,000 रुपए दिए जानेवाले थे, लेकिन यह राशि महानगरपालिका कर्मियों और अधिकारियों को नहीं मिल पाएगी क्योंकि इसे स्थायी समिति (Standing Committee) की मंजूरी आवश्यक थी, जो 30 मार्च से पहले मिलना आवश्यक था। लेकिन मंगलवार की स्थायी की बैठक स्थगित की गई। यह सभा अब आगामी वित्तीय साल में होगी।  इससे अब तय हुआ कि कर्मियों को  अंतर राशि की 50 हजार की राशि नहीं मिल पाएगी। अब वेतन आयोग को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर अमल हो पाएगा। इससे कर्मियों को नाराज होना पड़ेगा। 

बजट में किया गया था प्रावधान 

ज्ञात हो कि महानगरपालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रस्ताव को 10 मार्च, 2021 को महानगरपालिका की आम सभा की बैठक में अनुमोदित किया गया है और अंतिम अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भेजा गया है। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चरणों में अंतर राशि का भुगतान किया जाएगा। जैसा कि वेतन आयोग के कार्यान्वयन को मंजूरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है, पुणे मनपा (मान्यता प्राप्त) श्रमिक संघ और अन्य यूनियनों के कई पदाधिकारी पदाधिकारियों का दौरा कर रहे हैं और उन्हें वेतन आयोग को दिए गए अंतर राशि को प्राप्त करने का अनुरोध कर रहे हैं।  

मनपा के बजट में 60 करोड़ रुपए का प्रावधान उपलब्ध

2020-21 के लिए मनपा के बजट में वेतन आयोग को लागू करने के लिए 60 करोड़ रुपए का प्रावधान उपलब्ध है।  इस बजट में उपलब्ध राशि में से, 50,000 रुपए  अंतर राशि के रूप में मनपा के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिए जानेवाले थे। 31 मार्च से पहले कमिश्नर विक्रम कुमार को राशि का भुगतान किया जाना चाहिए था। 

लगातार दो बार स्थायी समिति हुई स्थगित 

इस बारे में महानगरपालिका की लेखापाल उल्का कलसकर ने कहा कि सातवें वेतन आयोग के तहत मनपा कर्मियों और अधिकारियों को  अंतर राशि की राशि मिलने से सम्बंधित प्रस्ताव स्थायी समिति के समक्ष पेश करना आवश्यक है। इसलिए हमने यह प्रस्ताव तैयार किया है, लेकिन लगातार दो बार स्थायी समिति की बैठक स्थगित की गई है। नतीजा प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई है। कलसकर के अनुसार प्रावधित किया गया निधि 31 मार्च तक ही खर्च किया जा सकता है, लेकिन अब स्थायी समिति की सभा 5 अप्रैल को होगी। यानि अब निधि लैप्स होगा जो आगामी बजट में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।  अब कर्मियों को 50 हजार की राशि नहीं मिल पाएगी। 

वेतन आयोग के तहत मनपा कर्मियों और अधिकारियों को अंतर राशि की राशि मिलने से सम्बंधित प्रस्ताव स्थायी समिति के समक्ष पेश करना आवश्यक है। इसलिए हमने यह प्रस्ताव तैयार किया है, लेकिन लगातार दो बार स्थायी समिति की बैठक स्थगित की गई है। नतीजा प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई है। प्रावधित किया गया निधि 31 मार्च तक ही खर्च किया जा सकता है। समिति की सभा अब आगामी वित्तीय साल में होगी। अब कर्मियों को 50 हजार की राशि नहीं मिल पाएगी।

-उल्का कलसकर, मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी, पुणे महानगरपालिका