पुणे

Published: Jul 07, 2023 06:01 PM IST

Pune Newsपिंपरी में नदी के किनारे वाहन धोने से प्रदूषण का खतरा बढ़ा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पिंपरी: बारिश (Rain) होने पर नदी के किनारे के घाट पर बड़ी संख्या में वाहन धोए (Washing Vehicles) जाते हैं। इससे नदी का प्रदूषण (Pollution) बढ़ता है। इस तरह की लापरवाही पर तत्काल रोक लगाने की मांग अथॉरिटी की सिविल सिक्योरिटी एक्शन कमेटी (Civil Security Action Committee) की ओर से की गई है। शहर में बड़े पैमाने पर व्यावसायिक वाहन है। एलएमवी, एचएमवी ट्रक, टेंपो , पैसेंजर कार की संख्या अधिक है। 

इसके अलावा शहर में वाहन वाशिंग का खर्च भी बढ़ गया है। छोटे वाहनों पर 300 रुपए और बड़े वाहनों पर 500 रुपए खर्च होने की वजह से महीने में वाहन धोने में प्रति महीने 2,400 से 3,000 रुपए का खर्च आता है। इसलिए व्यावसायी चालक और कार चालक नदी के किनारे ही अपने वाहन धोते हैं। बारिश में वाहन अधिक खराब होने से वाहन धोने के मासिक खर्च अधिक बढ़ जाते है। इस खर्च से बचने के लिए बड़ी संख्या में घाट पर गाड़ियां धोई जाती है। शनिवार और रविवार की छुट्टी के कारण वाहनों को धोने के लिए घाट पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा होती है।

30 लाख की आबादी वाले शहर को पानी सप्लाई

रावेत, वाल्हेकरवाडी, मलेकर बस्ती और चिंचवड़ परिसर के घाटों का निरीक्षण अथॉरिटी की सिविल सिक्योरिटी एक्शन कमेटी के पर्यावरण स्कॉलर बाबासाहेब घाली , विशाल शेवाले, संतोष चव्हाण, सतीश देशमुख, अर्चना घाली, विजय मुनोत और समिति के सदस्यों की ओर से किया गया। इसमें पाया गया कि अधिक संख्या में गाड़ियों की धुलाई की जा रही है। 

दोनों नदियां पूरी तरह से प्रदूषण की चपेट में 

इस संदर्भ में अथॉरिटी की सिविल सिक्योरिटी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष विजय पाटिल ने कहा कि पवना एवं इंद्रायणी नदी शहरों के लिए जीवनदायिनी है। रावेत पंपिंग स्टेशन 30 लाख की आबादी वाले पूरे शहर को पानी की आपूर्ति करता है। ये दोनों नदियां पूरी तरह से प्रदूषण की चपेट में हैं।

तत्काल कदम उठाना आवश्यक

डिटर्जेंट, शैम्पू का प्रयोग कर गाड़ियों को धोने के लिए किया जाता है। यह मामला नदी की सेहत के लिए खतरनाक होने के बावजूद घाट पर कार धोने की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है। कुछ साल पहले पूर्व नगरसेवकों के प्रयास से नदी के किनारे और घाटों के आसपास के इलाकों में गड्ढे खोदकर इस तरह की मुफ्त कार धुलाई बंद कर दी थी, परंतु कुछ समय के बाद फिर से वाहन धुलाई का काम शुरू हो गया। इस पर महानगरपालिका प्रशासन के लिए नदी प्रदूषण को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाना आवश्यक है।