महाराष्ट्र

Published: Feb 23, 2022 08:28 PM IST

Court Decisionएक बार ‘‘मैं तुमसे प्यार करता हूं'' कहना लड़की के शील का जानबूझकर अपमान करना नहीं है: पॉक्सो अदालत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: मुंबई की एक विशेष अदालत ने यौन उत्पीड़न से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत आरोपी बनाए गए 23 वर्षीय व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि किसी लड़की से एक बार ‘‘मैं तुमसे प्रेम करता हूं” कहना उसके शील का जानबूझकर अपमान करना नहीं है, बल्कि यह प्यार का इजहार करना है। 

विशेष न्यायाधीश कल्पना पाटिल ने मंगलवार को यह टिप्पणी की और विस्तृत आदेश बुधवार को उपलब्ध कराया गया। 17 वर्षीय लड़की के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार आरोपी ने 2016 में उनके आवास के निकट लड़की से कहा था कि वह उससे प्यार करता है। 

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने लड़की को घूरा और उसे आंख मारी तथा उसकी मां को धमकी भी दी। इस शिकायत के आधार पर वडाला टीटी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। बहरहाल, अदालत ने आरोपी की दोषसिद्धि के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया।

अदालत ने कहा, ‘‘पीड़िता के अनुसार, घटना के दिन आरोपी ने उससे कहा था, ‘‘मैं तुमसे प्यार करता हूं”। यह ऐसा मामला नहीं है, जिसमें आरोपी ने पीड़िता का बार-बार पीछा किया हो और कहा हो कि ‘‘मैं तुमसे प्यार करता हूं”।” उसने कहा, ‘‘एक बार ‘‘मैं तुमसे प्यार करता हूं” कहना ज्यादा से ज्यादा पीड़िता से आरोपी द्वारा प्यार का इजहार करने के समान है। ऐसा नहीं कहा जा सकता कि पीड़िता के शील का अपमान करने के इरादे से यह कृत्य किया गया।”