महाराष्ट्र

Published: Dec 07, 2023 01:48 PM IST

Shinde Faction Conflictशिंदे के मंत्रियों के खिलाफ विधायकों ने खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री से सीधी शिकायत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे

मुंबई: महाराष्ट्र के राजनीतिक (Maharashtra Politics) गुटों में कब सियासी बवाल मच जाए यह कोई नहीं बता सकता। आये दिन इन गुटों के बीच मतभेद और विवाद देखें जाते हैं, ऐसे में आज हम आपके लिए जो खबर लेकर आये है वो है शिंदे गुट की। जिनके हाथ में फिलहाल महाराष्ट्र की सत्ता है उनके ही गुट के नेता और विधायकों में असंतोष नजर आ रहा है। 

शीतकालीन सत्र (Maharashtra Winter Session 2023) के पहले विधायकों द्वारा की गई शिकायत से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) दुविधा में हैं, एक ओर वह विधायकों को नाराज नहीं करना चाह  रहे, तो वहीं सरकार जाने के डर से मंत्रियों पर भी शिकंजा कसने में नकाम साबित हो रहे है। आइए जानते है क्या है पूरा माजरा… 

मंत्रियों के खिलाफ CM से शिकायत 

हाल ही में सामने आई जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के कुछ विधायकों (Shinde MLA) ने अपने गुट के मंत्रियों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। खबर है कि कुछ विधायकों ने दो से तीन मंत्रियों की शिकायत की है। मुख्यमंत्री से शिकायत की गयी है कि विधायकों का काम नहीं हो पा रहा हैं। विधायकों की शिकायत है कि मंत्री से बार-बार कहने के बावजूद काम नहीं हो रहा है। तो क्या विधायकों का पक्ष और पार्टी की छवि बचाए रखने के लिए मुख्यमंत्री एक्शन मोड में आएंगे? सवाल उठाया गया है कि क्या मुख्यमंत्री मंत्रियों का समर्थन करेंगे या फिर विधायकों की समस्याएं हल करेंगे यह देखना होगा। 

 

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

बदल सकते है मंत्री 

गौरतलब हो कि एकनाथ शिंदे गुट की नाराजगी कई बार सामने आ चुकी है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि शिंदे गुट के 15 से 20 विधायकों ने दो से तीन मंत्रियों की शिकायत की है। इतना ही नहीं बल्कि शिकायत करते वक्त विधायकों ने छह माह का लेखा-जोखा मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया है। दरअसल विधायक जिन दो-तीन मंत्रियों से नाराज हैं, उनके नाम सामने नहीं आए हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि शीतकालीन सत्र खत्म होते ही कैबिनेट विस्तार की चर्चा है। इस कैबिनेट विस्तार में कुछ मंत्रियों और मंत्रियों के खाते बदलने की संभावना है। 

पार्टी के अंदर बढ़ी नाराजगी

संभावना है कि शिंदे गुट में राजनितिक समीकरण बिगड़ सकता है। शिंदे गुट के नेता तानाजी सावंत इस वक्त विरोधियों के निशाने पर हैं। फिलहाल उनके खिलाफ पार्टी के अंदर असंतोष भी काफी हद तक बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। तो देखना होगा कि तानाजी सावंत को लेकर सत्ता पक्ष में क्या कोई भूमिका है। इसके अलावा संदीपन भुमरे और दीपक केसरकर के नाम पर भी चर्चा हो रही है। दस में से दो से तीन मंत्री कौन हैं, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अब इस मामले में शिंदे क्या भूमिका लेते है यह देखना अहम होगा। 

किसकी गिरेगी विकेट?

ऐसे में अब आगामी चुनाव को देखते हुए विधायकों की नाराजगी बर्दाश्त नहीं की जा सकती,क्योकि इससे गुट के टूटने की भी संभावना बढ़ जाती है।  इसलिए यह देखना अहम होगा कि एकनाथ शिंदे इस मामले में क्या भूमिका निभाएंगे। सबकी नजर इस बात पर है कि शिंदे इस नाराजगी को कैसे दूर करेंगे। बता दें कि उम्मीदवार चुनाव में आगे आना चाहते है, इसलिए परिणाम हमारे पक्ष में हो इसके लिए विधायकों को अपना काम करना जरूरी है। 

एक्शन मोड में शिंदे! 

अगर मंत्री विधायक का काम नहीं करेंगे तो मंत्री बदल दें ऐसी मांग विधायकों द्वारा की जा रही है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या एक्शन मोड में आएंगे मुख्यमंत्री? और रही बात एक्शन मोड की तो देखने वाली बात ये होगी कि विकेट किसका जाएगा। फ़िलहाल शिंदे गुट में विधायकों में असंतोष नजर आ रहा है क्योकि उनके काम मंत्री नहीं कर रहे है।