महाराष्ट्र

Published: Feb 18, 2024 08:53 PM IST

Lok Sabha Elections 2024'मेरी लड़ाई वैचारिक है, व्यक्तिगत नहीं', सुनेत्रा पवार से संभावित लड़ाई पर बोलीं सुप्रिया सुले

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई. बारामती (Baramati) से सांसद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में उनकी भाभी सुनेत्रा पवार (Sunetra Pawar) को उनके खिलाफ उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि यह निजी नहीं, बल्कि वैचारिक लड़ाई है। सुनेत्रा पवार, सुले के चचेरे भाई और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी हैं। राकांपा के दूसरे गुट का नेतृत्व अजित पवार कर रहे हैं।

सुले ने राज्य के पुणे जिले के बारामती में संवाददाताओं से कहा कि उनकी लड़ाई वैचारिक है, व्यक्तिगत नहीं। सात बार के विधायक और बारामती से एक बार सांसद चुने जा चुके अजित पवार समेत कई वरिष्ठ नेता शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा से पिछले साल अलग हो गए थे और उन्होंने राज्य सरकार में शामिल होने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ गठबंधन कर लिया था। हाल ही में निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम राकांपा और उसका चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित किया था। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 15 फरवरी को कहा था कि अजित पवार के नेतृत्व वाला समूह ही असली राकांपा है।

सुले से जब इन अटकलों के बारे में पूछा गया कि अजित पवार बारामती से अपनी पत्नी को उनके खिलाफ खड़ा कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए, यह एक वैचारिक लड़ाई है। इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। (शरद) पवार साहब एक निश्चित विचारधारा के लिए खड़े हुए हैं और हम उसके लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पारिवारिक लड़ाई कैसे हो सकती है।” उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कल (शनिवार को) कहा था कि अगर उनके पास कोई मजबूत उम्मीदवार है तो मैं उससे बहस करने को तैयार हूं। वे विषय, समय और स्थान तय कर सकते हैं। मैं तैयार हूं।”

अजित पवार किसी का नाम लिए बिना शरद पवार और सुप्रिया सुले पर पिछले कुछ दिन से तीखा हमला कर रहे हैं। उन्होंने हाल में कहा था कि संसद में भाषणों के लिए पुरस्कार मिलने से विकास कार्य नहीं होते। सुले को एक से अधिक बार सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिल चुका है। (एजेंसी)