ठाणे
Published: Nov 03, 2023 05:22 PM ISTChhath Pooja 2023छठ पूजा में श्रद्धालुओं को होगी दिक्कत, उल्हास नदी पर नहीं हुआ घाट का निर्माण
- छठ पूजा को बचे हैं मात्र 14 दिन
- उल्हास नदी के तट पर अधूरा है प्रस्तावित घाट का निर्माण
- समतल स्थल निर्माण कार्य के कारण हुआ उबड़ खाबड़
- विधायक ने कहा पूजा शुरू होने से पहले जमीन को समतल बना दिया जाएगा
कमर काजी@नवभारत
उल्हासनगर: उत्तर भारतीयों का महापर्व छठ पूजा (Chhath pooja) 17 से शुरू हो रही है और इसका समापन 20 नवंबर को होगा। इस पर्व को लेकर उत्तर भारतीय समाज में उत्साह का माहौल है। लेकिन स्थानीय महारल गांव के समीप उल्हासनदी (Ulhas River) के तट पर प्रतिवर्ष होने वाली पूजा की जगह पर प्रस्तावित घाट (Ghat) के निर्माण (Contruction) के जमीन को खोदा गया है। अब श्रद्धालुओं में असमंजस की स्थिति है घाट बना नहीं, जमीन उबड़ खाबड़ हो गई है इससे पूजा करने में हजारों लोगों को असुविधा होगी। छठ पूजा समिति से जुड़े लोग, मनपा और स्थानीय विधायक कुमार आयलानी से इसके समाधान की आस लगाए बैठे हैं।
उल्हास नदी के तट परिसर में प्रतिवर्ष 6 से 7 हजार महिला श्रद्धालु एकत्रित होती हैं और विधि विधान से धार्मिक विधियां पूरी कर पर्व को आस्था, श्रद्धा व उत्साह से मनाते हैं। श्रद्धालू एक अच्छे माहौल व सुंदर परिसर में यह पर्व मना सके इसके लिए उल्हासनगर के विधायक कुमार आयलानी ने घाट निर्माण के लिए आवश्यक राशि अपने विधायक निधि से मनपा को उपलब्ध कराई।
छठ पूजा क्या है
छठ पर्व, छठ या षष्ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिंदू पर्व है। सूर्योपासना का यह लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। उत्तर भारत, बिहार, झारखंड से आए भाई बहन हर साल उल्हासनगर के करीब सेंचुरी रेयॉन के पास से बहने वाली उल्हासनदी के किनारे छठ पुजा के लिए हज़ारों श्रद्धालु जुटते हैं। सूर्य भगवान के समक्ष दीप प्रज्वलित करके इस पवित्र त्योहार की शुरूआत होती है।
विधायक कुमार आयलानी ने कहा
बरसात के कारण पूरे परिसर में घास उग आई थी, जिसको मनपा के माध्यम से साफ कराने का काम प्रगति पथ पर है। अधिकांश हिस्से को पूरी तरह से साफ करा लिया गया है। तकनीकी बाधाएं दूर होते ही प्रस्तावित घाट का निर्माण कार्य प्रत्यक्ष रूप से शुरू कर दिया जाएगा। वही श्रद्धालुओं को पूजा करने में असुविधा न हो इस पर भी मेरा ध्यान है। छठ व्रतियों को घाट परिसर में दिक्कत न हो इसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उबड़ खाबड़ जमीन को समतल भी कर दिया जाएगा।