ठाणे

Published: Jan 16, 2023 07:05 PM IST

Thane's Developmentठाणे के विकास पर सरकार का रोड़ा, शिंदे-फडणवीस सरकार ने रोकी इतने प्रतिशत विकास निधि

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
Pic: Social Media

ठाणे : राज्य में नई सरकार गठित होने के बावजूद ठाकरे सरकार द्वारा विकास कार्यों (Development Works) के लिए आवंटित किये गए विकास निधि (Development Fund) पर नई सरकार द्वारा रोड़ा डालने का मामला सामने आया है। दरअसल ठाणे जिले में विकास कार्यों के लिए कुल 618 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की गई थी। कुल निधि का 60 प्रतिशत हिस्सा खर्च न होने के कारण राज्य सरकार (State Government) ने शेष 40 प्रतिशत राशि रोक दी है। वहीं 177 करोड़ रुपए के विकास कार्यों को प्रशासनिक मंजूरी नहीं मिली है। जिसका असर जिले के विकास कार्यो पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।  

गौरतलब हो कि राज्य में ठाकरे सरकार जाने के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुरानी सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए आवंटित निधि पर रोक लगा दी थी। हालांकि, बाद में कोर्ट के आदेश के बाद इस निधि को पुनः आवंटन करने का निर्देश शासन द्वारा संबंधित विभाग को दिया गया था। लेकिन देर से निधि का आवंटन होने के कारण जिला प्रशासन कुल निधि का उपयोग करने में असफल साबित हो रहा है। 

राज्य सरकार की ओर से ठाणे जिले के विकासकार्यों के लिए कुल 618 करोड़ रुपए की निधी  मंजूर की गई थी। लेकिन ठाणे जिला प्रशासन को कुल निधि का 60 प्रतिशत हिस्सा ही मिल पाया। लेकिन जिला प्रशासन इस निधि को खर्च करने में असमर्थ रही हैं। प्राप्त राशि का 60 प्रतिशत खर्च न कर पाने की वजह से शेष 40 प्रतिशत राशि की मांग जिला प्रशासन नहीं कर सकता। इसलिए अब जिला प्रशासन जल्द से जल्द शेष राशि खर्च करने में जुट गया है। 

राशि खर्च नहीं हुई तो अधिकारियों पर कार्रवाई?

वहीं ठाणे जिला पालकमंत्री शंभुराजे देसाई ने कुछ दिन पहले संबंधित विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि यदि 100 प्रतिशत धनराशि खर्च नहीं की जा सकती है, तो संबंधित अधिकारियों को अन्य जिलों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। लेकिन इस चेतावनी का रत्ती भी फर्क अधिकारियो पर नहीं पड़ा है।  जबकि इस वित्तीय वर्ष को खत्म होने में महज दो महीने शेष रह गए हैं। 

जिला प्रशासन ने भी मान्य किया कि कुल 618 करोड़ में मिले 408 करोड़ खर्च नहीं हुए हैं और सिर्फ 261 करोड़ रूपए के विकास कामों को ही सरकारी मान्यता मिली है। जबकि पालक मंत्री पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि शेष राशि के व्यय की समय सीमा नहीं बढ़ाएंगे। सैकड़ों करोड़ के इस खर्च को अगले दो महीने में किस तरह से खर्च किया जाएगा।