ठाणे

Published: May 06, 2022 07:58 PM IST

Water Crisisठाणे महानगरपालिका पर बीजेपी का हंडा मोर्चा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

ठाणे : पिछले कई महीनों से ठाणे पूर्व स्थित कोपरी क्षेत्र (Kopri Area) के नागरिक पानी (Water) के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बीजेपी (BJP) ने कोपरी वासियों के साथ न्याय की मांग करते हुए प्रशासन (Administration) को जगाने और पानी की समस्या के समाधान के लिए कोपरीकरों को समान रूप से पानी बांटने के लिए शुक्रवार को महानगरपालिका मुख्यालय (Municipal Headquarters) पर हंडा मोर्चा (Handa Morcha) निकाला था। इस दौरान बीजेपी विधायक संजय केलकर (MLA Sanjay Kelkar) और ठाणे शहर के जिला अध्यक्ष निरंजन डावखरे (District President Niranjan Davkhare) ने सत्तारूढ़ दल पर कोपरीकर का पानी चुराने का आरोप लगाया। दोनों ने मांग कि पानी का समान वितरण किया जाए और कोपरीकरों की पानी की समस्या का समाधान किया जाए, अन्यथा और अधिक हिंसक आंदोलन (Violent Movement) की चेतावनी दी है। 

पिछले सात महीने से कोपरी परिसर में पानी की समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए शिवसेना और बीजेपी के बीच जंग जारी है। कुछ दिन पहले इसी बात को लेकर दोनों के बीच लड़ाई हो गई थी। पूर्व नगरसेवक भरत चव्हाण ने बताया कि इस समस्या को अब हल करने और कोपरीकरों को समान रूप से पानी वितरित करने की मांग को लेकर शुक्रवार को एक मोर्चा निकाला गया था। इसी के तहत महानगरपालिका मुख्यालय के बाहर पूर्व महापौर नरेश म्हस्के के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। आंदोलनकारियों ने सत्ताधारी जल चोरों की भी घोषणा की। 

महानगरपालिका कमिश्नर के आश्वासन के बाद भी नहीं सुधरी समस्या

इस बीच महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. विपिन शर्मा ने कोपरी परिसर का दो बार दौरा कर चुके हैं। उन्होंने आश्वासन दिया था कि डेढ़ महीने में पानी की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। डावखरे ने कहा, “महानगरपालिका प्रशासन ही पानी चोरी करने के लिए काम कर रही है और हम पानी के समान वितरण की मांग करते हैं।” 

आंदोलनकारियों ने दी चेतावनी

आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर पानी का वितरण समान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। जबकि इस बीच जल विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में आंदोलनकारियों से मुलाकात की और मुंबई महानगरपालिका से अतिरिक्त 60 लाख लीटर पानी की मांग की। साथ ही महानगरपालिका प्रशासन द्वारा पानी की आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन समाप्त किया गया।