ठाणे

Published: May 05, 2021 07:21 PM IST

Ulhasnagarआरटीपीसीआर स्वैब टेस्ट के लिए टेस्टिंग स्टिक की उल्हासनगर के संत ज्ञानेश्वर नगर में घर-घर में हो रही पैकिंग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

उल्हासनगर. कोरोना (Corona) जैसी वैश्विक महामारी की जांच करने के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR Test) करवाया जाता है। उक्त टेस्ट द्वारा पता चलता है कि मरीज़ कोरोना पॉज़िटिव (Positive) है या निगेटिव (Negative)। जांचकर्ताओं की नाक में और गले में उक्त स्टिक डालकर स्वैब लिया जाता है और उसी तरह की स्टिक उल्हासनगर (Ulhasnagar) के कैम्प क्रमांक-1 स्थित संत ज्ञानेश्वर नगर में कई घरों के पैकिंग (Packing) किए जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कैम्प नंबर-1 के  खेमानी परिसर स्थित संत ज्ञानेश्वर नगर में विगत दो दिन से इस तरह की टेस्टिंग स्टिक की पैकिंग का काम शुरू होने के मामले का इसी वार्ड के एक जागरूक युवक ने स्थानीय पत्रकार के साथ मिलकर भंडाफोड़ किया है। खैर इसमें पैकिंग करनी वाली गरीब महिलाओं का कोई दोष नहीं क्योंकि उनको पता ही नहीं की वह क्या पैकिंग कर रही है। वैसे इस लघुउघोग नगरी के अधिंकांश घरों में अलग-अलग चीजों की पैकिंग चलती ही रहती है। 

सोशल मीडिया पर वायरल

कोरोना जैसी गंभीर बीमारी के प्रारंभिक लक्षण दिखाने के काम आने वाली आरटीपीसीआर  स्वैब टेस्टिंग स्टिक की पैकिंग को महिलाएं ऐसे करती दिखाई दी जैसे कोई सस्ती किस्म की चॉकलेट की वह पैकिंग कर रही है। किसी के मुंह पर मास्क नहीं था और न ही सेनेटाइजर अथवा अन्य एहतियाती सुविधाओं के बिना यह काम बदस्तूर जारी था। संबंधित ठेकेदार द्वारा 1 हजार स्टिक की पैकिंग के लिए इन महिलाओं को 20 रुपए देना निश्चित हुआ था। जो महिलाएं यह काम कर रही थी उन्हें तो यह भी पता नहीं था कि जिस चीज की वह पैकिंग कर रही है वह स्टिक किस काम आती है। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हुई व कुछ चैनलों ने न्यूज कवर की तो मनपा व पुलिस विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुंची व उन्होंने बताया कि वह राज्य सरकार को इस मामले की पूरी रिपोर्ट भेज रहे है।  

अन्न व औषधी प्रशासन विभाग को सूचित किया गया 

इस संदर्भ में उल्हासनगर मनपा के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. युवराज भदाणे से जब संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि मनपा को राज्य सरकार से स्वैब स्टिक प्राप्त होती है। उसी का इस्तेमाल मनपा के टेस्ट सेंटरो में किया जाता है। डॉ. भदाणे के अनुसार उक्त पूरे मामले को मनपा ने गंभीरता से लिया है। मनपा के माध्यम से मामले को अन्न व औषधी प्रशासन विभाग को सूचित किया गया है क्योंकि यह उनके अधिकार क्षेत्र का हिस्सा है।