ठाणे

Published: Apr 06, 2021 09:10 PM IST

Bhiwandi Fireमोती कारखाने में लगी भीषण आग, कोई जनहानि नहीं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

भिवंडी. मनपा प्रभाग समिति क्रमांक-3 अंतर्गत शास्त्री नगर (Shastri Nagar) में मोती कारखाने (Moti Factory) में लगी भीषण आग (Fire) से लाखों रुपए का माल जलकर राख हो गया। अग्निकांड की सूचना मिलने के उपरांत ‍देरी से पहुंचे दमकल कर्मियों की टीम कड़ी मशक्कत से आग बुझाने में कामयाबी हासिल की है। 

गौरतलब है कि गर्मी का मौसम आते ही पावरलूम कारखानों, मोती कारखाना, गोदाम, वेयरहाउस आदि में अचानक आग लगने का सिलसिला शुरू हो जाता है। गर्मी के मौसम में मोती कारखानों में आग लगने का प्रमुख कारण मोती निर्माण में प्रयुक्त ज्वलनशील रासायनिक पदार्थों का भंडारण किया जाना है। भिवंडी-कल्याण मार्ग स्थित शास्त्री नगर के समीप एक मोती कारखाने में दोपहर के उपरांत अचानक आग की लपटें उठने लगी।

बड़ी अनहोनी टल गई

आग की लपटें उठती देख कर मोती कारखाने में कार्यरत मजदूर जान बचाकर बाहर भाग गए जिससे बड़ी अनहोनी टल गई। आसपास की इमारतों में रह रहे तमाम लोगों का काले धुएं से दम घुटने लगा। घटना के दौरान आसपास इमारतों में रहने वाले लोग सुरक्षा बस कुछ समय के लिए घर से निकल दूर निकल गए। आग बुझने के उपरांत लोग घरों में वापस लौटे। घटना की सूचना मिलने के उपरांत विलंब से पहुंचे दमकल कर्मियों ने कड़ी मेहनत के उपरांत आग बुझाए जाने में कामयाबी हासिल की है। फायर कर्मियों के विलंब से आने से मोती कारखाने में रखा गया लाखों रुपए का रासायनिक केमिकल सहित कच्चा माल जलकर राख हो गया है।

मोती कारखाने नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए खतरा 

शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने मनपा प्रशासन से रहिवासी क्षेत्रों में चल रहे मोती कारखानों को स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति गंभीर खतरा करार दिया है। जागरूक नागरिकों का कहना है कि प्रतिवर्ष मोती कारखानों में आग की घटनाएं घटित होती हैं जिसमें कभी कभार असहाय गरीब मजदूरों की लोगों की जान भी चली जाती है। मोती कारखानों के आसपास रहने वाले तमाम रहिवासियों को प्रदूषण की समस्या झेलनी पड़ती है। मोती कारखाने में प्रयुक्त होने वाला केमिकल स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खतरनाक है जिससे अधिसंख्य लोगों को चर्म रोग, अस्थमा, दमा की घातक बीमारियों को झेलना पड़ता है।मनपा प्रशासन एवं प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा को नजरअंदाज कर अपनी जेब भरते हैं जिससे मोती कारखाना संचालकों के हौसले बुलंदी पर हैं।