ठाणे

Published: Sep 27, 2020 09:44 PM IST

सतर्कभिवंडी इमारत हादसे के बाद KDMC हुई सतर्क

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

कल्याण. भिवंडी इमारत हादसे के बाद कल्याण- डोंबिवली मनपा प्रशासन भी सतर्क हो गया है और कल्याण-डोंबिवली की जर्जर इमारत को चिन्हित कर उनमें रहने वाले रहिवासियों से इमारतों को  खाली कराया जा रहा है, ताकि भिवंडी जैसी किसी  घटना की पुनरावृति न हो. कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका क्षेत्र में कुल 471 इमारतें जर्जर बताई जा रही हैं. इन जर्जर इमारतों में 284 धोखादायक और 187 इमारतें अति धोखादायक हैं.

 कल्याण- डोंबिवली मनपा क्षेत्र में उक्त धोखादायक इमारतों में मजबूरी में रह रहे लोगों के लिए कोरोना महामारी और बरसात एक भारी मुसीबत बन गई है. 30 से 35 साल से रहने वाले लोग कहां जायेंगे और कैसे रहेंगे, यह बड़ी समस्या है. इस मामले में केडीएमसी के अतिरिक्त कमिश्नर सुनील पवार ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टिकोण से खाली कराया जा रहा है, ताकि कोई हादसा न हो. वहीं सत्ताधारी शिवसेना नगरसेवक सचिन बासरे ने कहा कि जब तक स्लम री-डेवलपमेंट (SRD) योजना लागू नहीं होगा तब तक कल्याणकरों का कल्याण नहीं होगा.  नगरसेवक बासरे ने क्लस्टर डेवलपमेंट में खामियां बताते हुए कहा कि आर्किटेक्टों की एक लाबी बिल्डरों के साथ मिलकर पुनर्निर्माण के लिए गरीबों की अच्छी इमारतों को भी जर्जर घोषित कर देती  है और खुद की जर्जर एवं खराब इमारत को अच्छा बताती है. उन्होंने कहा कि ऐसे आर्किटेक्ट,अधिकारी और भवन निर्माताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए जो शहर और समाज के लिए घातक हैं.