ठाणे

Published: Oct 06, 2023 04:44 PM IST

Leopard in Uttanतेंदुए की दहशत में गुजरती है रात, डरावना है CCTV में कैद तेंदुए का वीडियो

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ठाणे: भायंदर पश्चिम (Bhayandar West) उत्तन डोंगरी (Uttan Dongri) के पास पालखाड़ी के ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि के समय तेंदुआ (Leopard) के विचरण करने का सीसीटीवी फुटेज (CCTV footage) सामने आया है। वीडियो सामने आने बाद एक बार फिर ग्रामीणों की रात डर के साए में बीत रही है। पालखाड़ी गांव के आंब्री घार्षी नामक ग्रामीण के घर के पास 4 अक्टूबर की देर रात 2.30 बजे के आसपास एक तेंदुए की फोटो सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। इसके बाद से आस पास के ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ गई है। गुरुवार को वन विभाग के अधिकारियों ने इस परिसर का मुआयना किया और ग्रामीणों को तेंदुए से अपनी रक्षा करने, सावधानी बरतने को कहा है। साथ ही वन अधिकारियों ने तेंदुए के आने-जाने के मार्ग पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाए हैं।

24 मार्च 2023 को पिंजरे में कैद हुआ था तेंदुआ
इससे पूर्व भी अगस्त 2022 में इस परिसर में रात्रि के समय विचरण करते हुए एक तेंदुए की फोटो सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। इसके बाद 24 मार्च 2023 को डोंगरी के पालखाडी गांव के ही स्थानीय किसानों द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली सूअर को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे के ट्रैप (जाल) में एक तेंदुआ कैद हो गया था। स्थानीय निवासी फ्रीडा मोराईस द्वारा इसकी सूचना वन अधिकारियों को दिए जाने के बाद वन अधिकारी विजय बराबदे तथा प्राणी चिकित्सक निखिल बांगर अपने दल के साथ वहां आकर सूअर के पिंजरे में फंसे तेंदुए को अपने साथ लाये पिंजरे में स्थानांतरित कर उसे अपने साथ संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में ले गए थे।

बता दें कि मुंबई से सटे भायंदर पश्चिम के उत्तन, डोंगरी रोड पर स्थित “केशव सृष्टि” परिसर के पास पालखाड़ी गांव में एक तेंदुआ (लेपर्ड) के विचरण करने की खबर से स्थानीय निवासियों में एक अनजान भय का माहौल व्याप्त है। केशव सृष्टि करीब 150 से अधिक एकड़ क्षेत्रफल में फैला एक नैसर्गिक पहाड़ी परिसर है। जो जंगल, नदी, तालाब, पहाड़ से घिरा हुआ है। जहां पर शैक्षणिक, प्रलुप्त हो रही वनस्पतियों के संरक्षण-संवर्धन, जड़ी-बूटियों के परीक्षण, कृषि क्षेत्र में शोध, गो-सेवा केंद्र, आवासीय विद्यालय, वानप्रस्थ आश्रम आदि विभिन्न प्रकार के उपक्रम संचालित किए जातें है। इस परिसर में कई आदिवासी इलाके भी स्थित है। इसके अलावा इसके इर्दगिर्द ही ज्यूडिशियल अकेडमी, गोराई, उत्तन, डोंगरी, पाली आदि गांव भी स्थित है।

वन क्षेत्रपाल, राकेश भोईर का कहना है कि गांव के पालतू जानवरों के शिकार के लिए शायद तेंदुआ यहां आता हो। उसके आने-जाने के मार्ग की निगरानी के लिए कैमरे लगाए गए हैं। जिसकी मदद से कुछ दिन तेंदुए पर नजर रखी जाएगी। उसके बाद उसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने का निर्णय लिया जाएगा। तब तक तेंदुए से सावधानी बरतने के उपाय के संदर्भ में ग्रामीणों को मार्गदर्शन दिया गया है।