ठाणे

Published: Sep 30, 2023 04:04 PM IST

Protest Against Toll Tax Hike टोल टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ प्रचंड आंदोलन की चेतावनी, शिंदे सरकार को मनसे का अल्टीमेटम

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
ठाणे: महाराष्ट्र में टोल (Toll) वसूली के खिलाफ लगातार आवाज उठाने वाली मनसे (MNS) ने एक बार फिर आक्रामक रुख अख्तियार किया है। इस बार मनसे ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को निशाने पर लिया है। शनिवार को मनसे नेता अविनाश जाधव (Avinash Jadhav) के नेतृत्व में मनसे सैनिकों ने मुलुंड टोल नाका स्थित आनंद दिघे प्रवेश द्वार पर आंदोलन किया और चेतावनी दी कि जब तक टोल शुल्क में बढ़ोत्तरी का निर्णय रद्द नहीं किया जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। रविवार को शहर के चौराहों पर विरोध प्रदर्शन किया जाना है। मनसे के आंदोलन को देखते हुए आनंद नगर चेक नाका पर कड़ा पुलिस बंदोबस्त किया गया था। 
 
मुंबई मनपा के जिम्मे रखरखाव फिर भी हो रही टैक्स वसूली 
मुंबई नासिक हाईवे पर आनंदनगर में टोल बूथ है। कुछ साल पहले राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने इस सड़क को मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण को सौंप दिया था। अब सड़कों एवं फ्लाईओवर का रख रखाव मुंबई मनपा के जिम्मे है। लेकिन टोल वसूली एमएसआरडीसी के माध्यम से टोल कंपनी की तरफ से की जा रही है। मनसे ने दावा किया है कि वर्ष 2023 तक मुंबई के प्रवेश द्वार पर बने टोल बूथों से करीब 40 हजार करोड़ रुपये का टोल वसूला जा चुका है। 
 
 
टोल मुक्त के वादे के बावजूद बढ़ाया टोल टैक्स
साथ ही 1 अक्टूबर से टोल रेट में बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया है। जाधव ने कहा कि हम टोल प्रशासन से पत्र व्यवहार कर रहे है। हमें वर्ष 1999 का समझौता पत्र दिखाया जा रहा है। उस समय वाहनों की संख्या कम थी आज वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जाधव ने यह भी कहा कि मुलुंड टोल नाका पांच साल पहले ही बंद होना अपेक्षित था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने टोल मुक्त महाराष्ट्र की बात कही थी अब उलट अधिक टोल वसूली की जा रही है।

शांतिपूर्ण आंदोलन को ना बनाए हिंसक
जाधव ने कहा कि आंदोलन के अगले चरण में जनजागृति करना है, हम शांति से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि हमारे आंदोलन को हिंसक बनने का मौका नहीं दिया जाए। आंदोलन में मनसे शहर अध्यक्ष रविंद्र मोरे, मनविसे महासचिव  संदीप पचांगे, मनसे जनहित विधि प्रकोष्ठ शहर अध्यक्ष स्वप्निल महिंद्रकर, पुष्कराज विचारे, सुशांत सूर्यराव, दिनकर फुल्सुंदर, समीक्षा मार्कण्डेय सहित अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या मनसैनिक शामिल थे।