ठाणे

Published: Dec 16, 2020 10:29 PM IST

आदेश मुंबई हाईकोर्ट का आदेश, फिर KDMC में शामिल करें 18 गांव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

कल्याण. कल्याण डोंबिवली मनपा (KDMC) से अलग किए गए 18 गांव के संबंध में मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) ने अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने इन गांवों को पुनः मनपा में शामिल करने का आदेश दिया है। वास्तु विशारद संदीप पाटिल, मोरेश्वर भोईर, सुनीता खंडागले तथा विकासक संतोष डावखर द्वारा 18 गांवों को मनपा में शामिल करने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी. इनकी तरफ से एडवोकेट भुजबल, दातार, फुरकर व केदार नें उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखा।

कल्याण डोंबिवली में 27 गांव का मुद्दा काफी समय से चर्चा का विषय रहा है. इसी वर्ष मार्च के महीने में राज्य सरकार ने 27 गांव में से 18 गांव को अलग करने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में 27 गांव के लोक प्रतिनिधि व विकासकों ने वाद दाखिल किया, जिस पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 18 गांवों को मनपा में पुनः शामिल करने का आदेश सुनाया है। 

भाजपा पदाधिकारी मोरेश्वर भोईर ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए नहीं, बल्कि 27 गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए यह याचिका दाखिल की गई थी. 35 वर्षों से कोई ठोस प्रशासकीय यंत्रणा न होने के कारण विकास ठप पड़ा हुआ था। केडीएमसी आयुक्त द्वारा कोंकण आयुक्त को बिना लोक प्रतिनिधियों से चर्चा किए हुए ही पत्र दिया गया, जिस पर न्यायालय ने नाराजगी जताई। इस निर्णय से शिवसेना को काफी धक्का लगेगा, क्योंकि अलग किए गए गांव में ज्यादातर भाजपा के नगरसेवक थे तथा पहले से शामिल किए गए गांव में 9 शिवसेना के नगरसेवक थे।