ठाणे

Published: Apr 22, 2022 09:05 PM IST

Thane Parking Policyठाणे में पार्किंग की समस्या हुई विकट, 10 साल से कागजों पर सिमटा पार्किंग नीति

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
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ठाणे: ठाणे में वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ठाणे महानगरपालिका (टीएमसी) ने पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की है। टीएमसी (TMC) की पार्किंग नीति (Parking Policy) पिछले 10 साल से केवल कागजों पर है। इससे वाहन पार्किंग की समस्या भी विकट हो गई है। कुल मिलाकर इससे शहर में ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) की स्थिति पैदा हो रही है क्योंकि सड़क के दोनों ओर कहीं भी वाहन खड़े हो रहे हैं। 

शहर में वर्तमान में लगभग 2.3 मिलियन वाहन हैं। टीएमसी के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल वाहनों की वृद्धि दर 8 से 10 फीसदी होती है। दुपहिया वाहनों की संख्या 13 लाख 41 हजार 544 है। टीएमसी के माध्यम से पार्किंग नीति को अंतिम रूप दिया गया है, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। इसके लिए शहर की 166 सड़कों को भी अंतिम रूप दिया गया है। योजना थी कि यहां 9,000 से ज्यादा वाहन पार्क किए जाएंगे। हालांकि अभी तक पार्किंग नीति को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। 

नाला पर पार्किंग का प्रयोग फेल

वहीं, गांवदेवी भाजी मंडई में दुपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है, लेकिन ठेकेदार का कार्यकाल समाप्त होने के कारण पिछले दो साल से पार्किंग व्यवस्था बंद है। गांवदेवी मैदान के तहत स्मार्ट सिटी के तहत अंडरग्राउंड पार्किंग सिस्टम लगाने का काम पूरा हो गया है। अगले कुछ दिनों में इसका अनावरण किया जाएगा। इसलिए करीब 250 दोपहिया और चार पहिया वाहनों की समस्या का समाधान हो जाएगा। पोखरण रोड़ में भी पार्किंग की सुविधा है, लेकिन शहर से दूर होने के कारण यहां रिक्शा पार्क किए जा सकते हैं। गांधी उद्यान, नगर मुख्यालय, जांभली नाका आदि में भी पार्किंग का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन कागजों पर आगे नहीं बढ़ पाया है। इसके अलावा नाला पर पार्किंग का प्रयोग फेल हो गया है। 

पार्किंग प्लाजा शुरू होने से पहले अस्पताल में तब्दील

वहीं, दूसरी तरफ टीएमसी के माध्यम से जुपिटर अस्पताल के पास पार्किंग प्लाजा बनाया गया है। यहां एक हजार वाहन पार्क किए जा सकते हैं, लेकिन पार्किंग प्लाजा खुलने से पहले ही यहाँ पर कोरोना मरीजों के लिए कोविड अस्पताल बना दिया गया और अब इसे पार्किंग प्लाजा से डेडिकेटेड में शिफ्ट कर दिया गया। तभी से उसी स्थान पर मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल बनाने की योजना पर काम चल रहा है।