ठाणे

Published: Feb 24, 2021 09:13 PM IST

मोर्चाघर खाली करने की नोटिस के बाद नाराज आदिवासियों का विशाल मोर्चा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

भिवंडी. भिवंडी (Bhiwandi) तालुका के अंतर्गत 33 गांव में वन विभाग (Forest Department) की जमीन (Land) पर आदिवासी परिवारों के करीब 3 हजार घर है। वन विभाग की जमीन पर रहने वाले आदिवासियों के घरों को खाली कर जमीन वन विभाग को सौंपने का नोटिस (Notice) वन विभाग ने जारी किया है जिसके विरोध में श्रमजीवी संगठन के नेतृत्व में भिवंडी वन विभाग कार्यालय पर मोर्चा निकाला गया। मोर्चे में भिवंडी तालुका के आदिवासी पुरुष और महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुए। 

प्रदर्शनकारी आदिवासियों की मांग है कि आदिवासी परिवार को दी गई नोटिस तत्काल वापस ली जाए, आदिवासी परिवार को बेघर कर उन्हें भयभीत करने वाले वन अधिकारियों के विरोध में एट्रोसिटी कानून के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया जाए और  आदिवासियों की जमीन के कागज पत्र विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाए। मांग को लेकर बस स्टैंड से शुरू हुआ यह मोर्चा वन परिक्षेत्र कार्यालय के सामने सभा में तब्दील हो गया।

उक्त सभा में श्रमजीवी संघटना के महासचिव बालाराम भोईर, उपाध्यक्ष दत्तात्रेय कोलेकर, सुनील लोणे, प्रमोद पवार ,दशरथ पालके, संगीत भोमटे, जया पारधी, आशा भोईर,सागर देशक, मोतीराम नामखुड़ा के नेतृत्व में सभा हुई। जिसमें कई वक्ताओं ने वन विभाग के अधिकारियों की कार्यपद्धति पर कई प्रश्न खड़े किए। तदोपरांत उपविभागीय वन अधिकारी देसाई, भिवंडी वनपरिक्षेत्र अधिकारी संदीप आरदेकर से शिष्टमंडल ने चर्चा की और नोटिस के संदर्भ में चर्चा करते हुए अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि किसी भी आदिवासी को बेघर नहीं होने दिया जाएगा। वन अधिकारियों के आश्वासन के बाद मोर्चा समाप्त हुआ।