ठाणे

Published: Apr 07, 2022 09:43 PM IST

Sanpada Closedमस्जिद के खिलाफ सानपाड़ा बंद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नवी मुंबई : सानपाड़ा (Sanpada) के हिंदू बहुल क्षेत्र (Hindu Majority Area) में सिडको द्वारा मस्जिद (Masjid) के लिए भूमि का आवंटन किया गया है, जिसके विरोध में भारी संख्या में हिंदुओं ने अनशन किया। इस दौरान सानपाड़ा की सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बंद रखा। कांग्रेस और आप को छोड़कर अन्य सभी पार्टियों (Political Parties) के पदाधिकारियों द्वारा उक्त अनशन को अपना समर्थन दर्शाया। इस दौरान सानपाड़ा में रहने वाले हिंदुओं ने फैसला किया है कि वे सानपाड़ा विभाग में मस्जिद का निर्माण नहीं करने देंगे।

गौरतलब है कि अखिल सानपाड़ा सांस्कृतिक प्रतिष्ठान और अखिल सानपाड़ा रहिवासी महासंघ द्वारा उक्त अनशन का आयोजन किया गया। इस अनशन में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। इस मौके पर आरएसएस के अजय मुडपे ने कहा कि तत्कालीन सिडको अध्यक्ष जावेद खान ने मस्जिद को जमीन का प्लॉट दिया था। स्थानीय हिंदुओं के कड़े विरोध के बाद मस्जिद को स्थानांतरित करने के लिखित आश्वासन के बावजूद मामला अदालत में जाने के बाद सिडको ने सानपाड़ा हिंदू बहुल क्षेत्र है, इसके बारे में अदालत को यह जानकारी नहीं दी। महासंघ के पदाधिकारी बालासाहेब महाले ने कहा कि हिंदुओं को एकजुट होकर मस्जिद को स्थानांतरित करने के लिए सिडको को मजबूर करना चाहिए।

60 हजार हिंदू और सिर्फ 200 मुसलमान

भाजपा के सतीश निकम ने कहा कि पुलिस का कहना है कि मस्जिद को अनुमति देने का अदालत का फैसला है, जिसका विरोध करना अदालत की अवमानना होगा। निकम ने कहा कि कोर्ट ने मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने का आदेश दिया था, फिर भी उन्हें नहीं हटाया जा रहा है, क्या यह अदालत की अवमानना नहीं है ? निकम ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस ने हिंदुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की कोशिश की तो हिंदू चुप नहीं रहेंगे। वहीं शिवसेना  के विभाग प्रमुख मिलिंद सूर्यराव ने कहा कि हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। जहां 60,000 हिंदू और केवल 200 मुसलमान हैं, वहां मस्जिद के लिए जमीन आवंटित करना अनुचित है। 5 किमी की दूरी पर 7 मस्जिदें हैं।

सिडको और महानगरपालिका को दिया निवेदन

मस्जिद के खिलाफ शुरू किए गए अनशन की जानकारी मिलने पर सिडको के प्रबंध निदेशक संजय मुखर्जी और नवी मुंबई महानगरपालिका कमिश्नर अभिजीत बांगर ने भूखंड का निरीक्षण किया और अनशनकर्ताओं के विचार सुने। इस मौके पर अनशन करने वालों द्वारा इन दोनों अधिकारियों को मस्जिद को स्थानांतरित करने का निवेदन दिया गया। इस मौके पर महासंघ के अध्यक्ष कैलास ताजने, शिवसेना जिलाध्यक्ष विट्ठल मोरे आदि मौजूद थे।